दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हिंदी विभाग में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। डीयू के पूर्व छात्र प्रभाकर का आरोप है कि हिंदी विभाग के प्रशासनिक कर्मचारी ने विभागाध्यक्ष के साथ मिलकर बदसलूकी की और जबरन कमरे में बंद कर दिया। इस संबंध में प्रभाकर ने मौरिस नगर थाने में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है।
डीयू का हिंदी विभाग इन दिनों गुंडे बदमाशों के हाथों में है। यहां के कर्मचारी अपने ही पूर्व छात्रों के साथ पूरी तरह हिंसक व बर्बर हो चुके हैं।आज जब @UnivofDelhi के निर्देश पर कुछ सूचनाएं प्राप्त करने गया तो धमकी देते हुए मुझे विभाग के कमरे में जबरन बंद कर दिया गया@EduMinOfIndia pic.twitter.com/u0Mgzx7mHh
— Prabhakar | प्रभाकर (@PrabhakarHrC) June 15, 2022
बता दें कि प्रभाकर दिल्ली विश्वविद्यालय के निर्देश पर हिंदी विभाग में सूचना अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी लेने गये थे। डीयू से सूचना के निर्देश के संबंध में उन्हें यह जानकारी दिल्ली विश्वविद्यालय के 2 जून के पत्र के माध्यम से उपलब्ध हुई थी।
घटना 15 जून की है। शिकायतकर्ता प्रभाकर सूचना अधिकार के अंतर्गत डीयू से प्राप्त पत्र के माध्यम से हिंदी विभाग से जानकारी लेने गये थे। हिंदी विभाग ने सूचना देना तो दूर, उल्टे इस सूचना मांगने के लिए शिकायतकर्ता को मारने पीटने की धमकी तक दे डाला। मौरिस नगर थाना में दिये शिकायत के अनुसार प्रशासनिक कर्मचारी नरेश ने प्रभाकर को सूचना देने से इनकार कर दिया। यहां तक कि हिंदी विभागाध्यक्ष ने भी इस संबंध में डीयू के निर्देश के बावजूद सूचना देने से इनकार कर दिया और उनसे आधे घंटे से अधिक लंबी पूछताछ की। इस तरह से सूचना न देने और बैठाकर उत्पीड़न करने के संबंध में जैसे ही नरेश से इसका कारण पूछा तो उन्होंने प्रभाकर को मारने पीटने की धमकी देते हुए कमरे में बंद कर दिया। कमरा खुलने पर बाहर से हिंदी विभागाध्यक्ष श्यौराज सिंह बेचैन के साथ कुछ अन्य लोग भी आये जिन्होंने अपने कर्मचारी का पक्ष लेते हुए कमरे से बाहर निकल जाने को कह दिया। इस संबंध में प्रभाकर ने मौरिस नगर थाना में लिखित में शिकायत दर्ज कराते हुए दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ गिरफ्तारी की मांग भी की है।
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