दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के ‘हीरक जयंती’ एवं ‘कोविड -19 के दौरान अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन’ विषय पर 18 मई को एक दिवसीय राष्ट्रीय योग वेबिनार आयोजित किया गया। इस योग वेबिनार के लिए देश के सुप्रसिद्ध योग गुरु क्रमश: योगाचार्य अनिल मुद्गल और प्रदीप योगी को बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया था। उन्होंने योग के सैद्धांतिक और प्रायोगिक पहलुओं को दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों से आए लगभग 300 प्राध्यापकों-शोधार्थियों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी प्राध्यापकों, शोधार्थियों- छात्राओं की उपस्थिति में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ स्वाति पाल ने मुख्य वक्ताओं का औपचारिक रूप से स्वागत करते हुए किया। उन्होंने महाविद्यालय स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के हीरक जयंती के अवसर पर सबको शुभकामनाएं प्रेषित की तथा महाविद्यालय के बारे में संक्षिप्त परिचय देकर मुख्य वक्ताओं का कार्यक्रम में स्वागत किया।
प्रथम योग गुरु के रूप में योगाचार्य अनिल मुद्गल ने योग की उत्पत्ति और विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग केवल शारीरिक कसरत ही नहीं बल्कि शरीर और मन को जोड़ने वाला साधन है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। साथ ही साथ मुद्गल ने खान-पान की नियमित शैली और आर्य अष्टांगिक मार्ग पर भी जोर दिया, जिससे कि मानसिक संतुलन बन सके।
द्वितीयक योग गुरु प्रदीप योगी जी ने कोविड-19 के बीच योग की महत्ता और इसकी उपयोगिता पर अत्यधिक बल दिया, उन्होंने यह भी कहा कि घर पर रहते हुए विभिन्न प्रकार के आसन-प्रणायाम-ध्यान सीखकर के नियमित रूप से अभ्यास करना जरूरी है। इससे शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहता है।
इस कार्यक्रम की सफलता में दर्शनशास्त्र विभाग प्रमुख, कार्यक्रम संयोजक डॉ जयंती साहू एवं विभाग की पूरी टीम की महत्त्वकारी भूमिका रही।
Be the first to comment on "“कोविड के दौरान घर पर रहते हुए योगाभ्यास करना बहुत जरूरी”"