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कृषि छात्रों की फ़ीस माफ़ी को प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से पत्र लिखकर की मांग

कोविड-19 के कारण लम्बे समय से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग धंधे सहित सभी आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। इसी दौरान अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सौजन्य ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर प्रदेश के समस्त राज्य कृषि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की आगामी सत्र 2020-21 के लिए फ़ीस माफ़ किये जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस बारे में तर्क दिया कि कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र गरीबी किसान – मजदूर परिवारों से हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन से आर्थिक रूप से इसी वर्ग की स्थिति सर्वाधिक ख़राब हुई है। किसानों को लॉकडाउन के कारण उपज की सही बिक्री सम्भव नही हो पाई अथवा उसका सही मूल्य नही मिला। इसी प्रकार मज़दूर खाली बैठे हैं इन परिस्थितियों में वह कैसे इतनी महंगी फ़ीस भर पायेंगें।

सौरभ ने कहा कि जब यही तबक़ा केंद्र सरकार द्वारा दिये 500 रुपये के लिए बैंकों के बाहर लाइन में है ताक़ि खाने पीने का इंतज़ार कर सके तो वह पचास हज़ार से भी ज्यादा की फ़ीस कैसे भर पाएगा। उन्होंने याद दिलाया की कृषि छात्र पहले से अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में महंगी फ़ीस को लेकर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। तब इस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में उनका इतनी महंगी फ़ीस जमा कर आगे पढ़ना अत्यंत कठिन है। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के सभी छात्रों ने व्यापक समर्थन देते हुए ऑनलाइन अभियान भी छेड़ रखा है। सभी को उम्मीद है सरकार की तरफ़ से उनको सकारात्मक जवाब मिलेगा।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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