पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है, लेकिन भारत में कोरोना से भी खतरनाक प्रथाएं फैली हुई हैं, जिसको आज तक खत्म नहीं किया जा सका। वैसे तो भारत में कई प्रथाएं रही हैं जैसे कि सती प्रथा, बाल विवाह प्रथा आदि। ये काफी हद तक खत्म हो गई हैं। लेकिन हमारे देश में अंधविश्वास अभी भी कायम है। आज भी महिलाओं को डायन बताकर कथित रूप से उनको मल-मूत्र पिलाया जाता है, उनका सिर मुंडाया जाता हूं। डायन जैसी कुप्रथा देश के ज्यादातर राज्यों बिहार, झारखंड, राजस्थान, ओडिशा आदि में अभी भी प्रचलित है। इसके बारे में आपको पता भी नहीं होगा। जैसे हर समय महिलाएं ही शिकार होती रही हैं। वैसे ही इसकी भी शिकार ज्यादातर गरीब, कमजोर एवं विधवा/ एकल महिलाएं होती रही हैं। इस कुप्रथा में संपत्ति हड़पने, स्त्री पर यौन अधिकार या किसी अन्य इरादे से औरतों के साथ पुरुषों का समूह एकपक्षीय बुरा बर्ताव करता है। कभी उन पर किसी मृत बच्चे को जिंदा करने का दबाव बनाकर ऐसा बर्ताव किया जाता है। अमानवीय व्यवहार को बढ़ावा देती ऐसी कुप्रथा के अधिनियम भी बनाए गए हैं, लेकिन डायन के नाम पर ऐसी दरिंदगी की घटनाएं सामने आती रहती है।
एक ऐसी ही मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें हो रही हरकतों को आप देख भी नहीं सकते। इस वीडियो में तीन महिलाओं को डायन बताकर कथित रूप से उन्हें मल, मूत्र पिलाया जा रहा है, उनके बाल काटे जा रहे हैं। फिर उन्हे गांव में घुमाया गया। उस वीडियों में लोगों की भीड़ में बच्चे भी नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद इस संबंध में 15 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जिसमें से 9 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है। वीडियो के आधार पर पहचान करके बाकी लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है। हालांकि इस पुलिस की कार्रवाई में पीड़ित महिला के नाती को भी पकड़ लिया गया है, इसे उनका परिवार गलत करार दे रहा है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार पीड़ित महिला ने बताया कि “गांव वालों से बचने के लिए हम लोग बहुत भागे, लेकिन उन लोगों ने हम लोगों को पकड़ लिया। रात भर पीटते रहे, ब्लाउज़ फाड़ दिया, साड़ी फाड़ डाला और छाती पर चढ़ कर मैला (मानव मल का घोल) पिलाया। सुबह ले जाकर बाल काट दिए।”
पूरा मामला आखिर है क्या?
दरअसल बिहार के मुजफ्फरपुर के दकरामा गांव के कुछ लोगों ने तीन महिलाओं पर तंत्र मंत्र का आरोप लगाया है। 3 मई को एक महिला की दो बहनें सुबह आई थी। इसमें से एक बहन को लगा कि उस पर भूत चढ़ा हुआ है जिसको उतारने के लिए वो गांव आई थीं। भूत उतारने के लिए तीनों महिलाएं और घर के एक पुरुष ने भजन गाने शुरू किये और गांव के रेलवे लाइन के पास तंत्र मंत्र करने लगे।
देखें वीडियो-
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महिला के बेटे के अनुसार मां, मौसी और बाबा पूजा कर ही रहे थे तभी गांव के एक टोले से 25 लोग आए और सबको पकड़कर अपने साथ ले गए। इसके बाद उन तीनों के साथ बदसलूकी की गई। उनको मारा पीटा गया, कपड़े फाड़ दिए। अगले दिन 4 मई को उनके साथ फिर मार पीट की गई और बाल काट दिए और मैला पिलाया। जब उन्होंने मां और मौसी को बचाने की कोशिश की तो उन्हें धमकी देकर वहां से भगा दिया गया। वह कुछ नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि वे हरियाणा में मज़दूरी करते हैं। होली के दौरान वो घर आए थे और लॉकडाउन के चलते वापस काम पर नहीं लौट पाए।
बाद में उन सभी को छोड़ दिया गया। इसके बाद वो घर चले गये। दिन भर ये लोग भूखे पेट रहे और उल्टी करते रहे।
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने ट्विटर पर लिखा कि बिहार के हथौड़ी थाना क्षेत्र में पंचों द्वारा तीन महिलाओं पर डायन का आरोप लगाकर उनके बाल काटे गये और उन्हें घुमाकर गंदगी खुलाई गई। क्रूरता की हद, शर्मनाक। नीतीश कुमार दोषी पंचो एंव अन्य सभी दोषियों पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कीजिए।
बिहार के हथौड़ी थानाक्षेत्र में पंचों द्वारा तीन महिलाओं पर डायन का आरोप लगाकर उनके बाल काटा गया और उन्हें घुमाकर गंदगी खिलाई गई। क्रूरता की हद, शर्मनाक।@NitishKumar जी, दोषी पंचों एवं अन्य सभी दोषियों पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कीजिए।https://t.co/qIvgDTZTyw
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) May 5, 2020
एबीपी न्यूज पर बताये एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2000 से 2020 तक 1800 महिलाओं को डायन बताकर उनकी हत्या कर दी गई। ये पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े हैं। कई मामलों में तो रिपोर्ट ही नहीं लिखी जाती। ये आंकड़े बताते हैं कि किस तरह किसी महिला को डायन बताकर बिना किसी जुर्म के शक के आधार पर भीड़ उन पर हावी हो जाती है। उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
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