एनआरसी, सीएए और एनपीआर को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसी बीच गृहमंत्रालय ने साफ कर दिया है कि देशभर में एनआरसी लाने की अभी कोई योजना नहीं है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि अभी तक एनआरसी को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है।
बता दें कि लोकसभा में सांसद चंदन सिंह, नागेश्वर राव की ओर से गृह मंत्रालय से कुछ सवाल पूछे गए थे। इसमें एनआरसी को लागू करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, क्या राज्य सरकारों से इस बारे में चर्चा की गई है? समेत कुल 5 सवाल थे। बजट सत्र के चौथे दिन यानी 4 फरवरी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बहस के दौरान ये लिखित जवाब दिया।
इससे पहले 20 नवंबर 2019 को संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था- ‘एनआरसी की प्रक्रिया देशभर में होगी, उस वक्त असम के अंदर भी ये एनआरसी की प्रक्रिया दोबारा से की जाएगी।
अमित शाह के बयान के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन तेज किया तो 22 दिसंबर 2019 को पीएम मोदी को इस पर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में बोलना पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार आने के बाद 2014 से लेकर आज तक मैं 130 करोड़ देशवासियों को कहना चाहता हूं कि कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर चर्चा नहीं हुई है, कोई बात नहीं हुई है।”
इसके बाद पीएम मोदी के इस बयान पर लोग उन्हें झूठा साबित करने लगे और सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता गया क्योंकि इससे पहले अमित शाह ने संसद में इस पर अपना बयान दिया था।
इससे पहले सरकार ने विज्ञापन देकर लोगों के एनआरसी लाने के भ्रम को दूर करने की कोशिश की थी। उसके बाद सरकार एनआरपी लाने की बात कहने लगी। इसके बाद विपक्षी दल एनआरपी को भी एनआरसी से जोड़कर देखने लगे।
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