उन्नाव पीड़िता के शीघ्र स्वस्थ्य होने व उसे न्याय दिलाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय व काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। जहां मोदी-योगी सरकार के खिलाफ बनारस के सामजिक सामाजिक संगठनों ने 3 अगस्त को बीएचयू गेट, लंका से मार्च निकाला और सभा की। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में एबीवीपी की ओर से भी उन्नाव पीड़िता के समर्थन कैंडल मार्च निकाला।
बनारस में बीएचयू में जलूस प्ले कार्डों से भरा था जिस पर लिखे नारे जो प्रदेश और केंद्र में काबिज भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त कर रहे थे। कार्डों पर लिखा था कि मसलन- महिलाओं को सुरक्षा दे न सकी वह सरकार निक्कमी हैं, जिंदा रहेगी बेटी तभी तो पढेंगी बेटी। उन्नाव पीड़िता तुम जीयोगी, उठोगी, लड़ोगी यह देश तुम्हारे साथ है।
मार्च एक सभा में तब्दील हुई। सभा में वक्ताओं ने कहा कि उन्नाव की बेटी ने अपने साथ हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई तो ऐसे में योगी सरकार जो चुस्त दुरुस्त कानून व्यवस्था की बात करती है पीड़िता को आज तक न्याय नही दिला सकी उल्टे महिला के सगे सम्बन्धियों की हत्या करवाने और पीड़िता पर हमले करवा रहे विधायक कुलदीपसिंह सेंगर का संरक्षण कर रही हैं। इतना ही नहीं यूपी में बलात्कार की घटनाओँ के सरकारी आंकड़े भी शर्मिंदा करने वाले हैं। महिला सुरक्षा के नाम पर यह सरकार फेल हो चुकी है। इसलिए हम मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं उन्हें जिम्मेदार पद पर रहने का अधिकार नही है।
सामाजिक संगठनों की इस लड़ाई को बीएचयू के प्रो एमपी अहिरवार और प्रो बिंदा परंजपये और इतिहासकार प्रो मोहम्मद आरिफ ने भी अपना पूर्ण समर्थन दिया। साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम की यूनियन वीडीआईए डीएलडब्ल्यू संघर्ष समिति यूनियन के साथियों ने भी उन्नाव पीड़िता के न्याय की लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
सभा में कई छात्र संगठनों ने हिस्सा लिया।
अभाविप ने उन्नाव रेप पीड़िता को न्याय तथा आरोपियों को शीघ्र सज़ा देने के लिए निकाला कैंडल मार्च
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विवेकानंद कॉलेज इकाई ने उन्नाव रेप मामले में पीड़िता को शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने तथा मामले में आरोपी विधायक को शीघ्र सजा मिले इसके लिए विवेकानंद कॉलेज परिसर में एक कैंडल मार्च निकाला, जिसमें बड़ी संख्या में विवेकानंद कॉलेज की छात्राओं ने भाग लिया।
छात्रा संयोजक पूजा कौशिक ने कहा कि, “उन्नाव रेप कांड बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और उससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा है कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं हो पाई, ऐसी घटनाएं सभ्य समाज और व्यवस्था पर धब्बा हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के साथ आम नागरिकों को भी आगे आना होगा। न्यायपालिका को इस घटना में शीघ्र आरोपियों को सजा दिलाकर पीड़िता को न्याय देने की आवश्यकता है।”
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