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वायरल होने का मतलब आप पर कानून की तलवार लटक जाएगी?

एक अवधेश दुबे नाम का आदमी कुछ दिनों पहले ट्रेन में खिलौने बेचा करता था। बेचा करता था मतलब अब क्यों नहीं? खिलौने तो वैसे बहुत से आदमी औरत बेचा करते हैं। लेकिन अवधेश की क्यों बात हो रही है? ऐसे सवालों का जवाब दे रहे हैं जरा सब्र कीजिए। बात ये है कि अवधेश दुबे का नाम सबको पता हो गया। आजकल कोई आम व्यक्ति भी कब खास बन जाए यह बड़ी बात नहीं है। स्मार्ट फोन के कैमरा में कमाल है कि वायरल वीडियो पर कार्यवाही हो जाती है। यही वजह है कि अवधेश दुबे खिलौने बेचने के अपने अंदाज की वजह से ट्रेन में चर्चित हुए औऱ फिर उसकी चर्चा सोशल मीडिया पर किसी के द्वारा वीडियो पोस्ट करने से पूरे देश में होने लगी। …और फिर क्या था लोगों के सामने आते ही पुलिस को कानून याद आया और उसकी तलवार से रोटी के टुकड़े हो गए। नौकरी छिनी जो वो खुद करते थे। और इतना ही नहीं गिरफ्तीरी भी हो गई। जुर्माना भी भरा।

बात क्या है आखिर

दरअसल आपने  अगर अवधेश दुबे की वीडियो नहीं देखी तो पहले देखिए फिर माजरा अपने आप समझ आ जाएगा।

अवधेश दूबे बनारस का रहने वाला है। दो साल पहले वह वलसाड गया था और तभी से वो वापी और सूरत के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को खिलौने बेच रहा था।

देखिए वीडियो  

अवधेश दुबे नाम के शख़्स का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में वह राजनीतिक मसलों पर हंसी-मज़ाक करते हुए ट्रेन में खिलौने बेचते दिख रहे थे। उनके चुटकुलों में कई राजनीतिक संदर्भ थे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा नेता मुलायम सिंह यादव का भी नाम लिया गया था। शनिवार को सूरत में अवधेश को रेलवे पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। इस वीडियो में जो लोगों को भा गया वो यह कि उनका खिलौने बेचने का मजाकिया अंदाज। तभी तो गिरफ्तारी के बाद ट्विटर पर भी कॉमेडियन्स अवधेश के समर्थन में उतर आए।

कॉमेडियन कुणाल कामरा ने लिखा, “खिलौने बेचते हुए चुटकुले सुनाने वाले इतने मज़ेदार आदमी को गिरफ़्तार कर लिया गया है। दस दिन की जेल और 3500 रुपये का जुर्माना। क़ानून का इस्तेमाल हमेशा ग़रीब को डर के साए में रखने के लिए किया जाता है।”

क्यों गिरफ्तारी हुई?

इसी तरह अन्य लोगों की ओर से अवधेश की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं उनका कहना है कि अगर रोजगार नहीं दे सकते तो आप किसी का रोजगार तो न छीनो।

लोग इस वायरल होने के बाद वीडियो में नेताओं पर टिप्पणी और मजाक उड़ाने को ही अवधेश की गिरफ्तारी का कारण मान रहे हैं। हालांकि पुलिस इसे नकार रही है। पुलिस का कहना है कि अवधेश गिरफ़्तार हुआ इसलिए क्योंकि उसके पास सामान बेचने का वेंडर लाइसेंस नहीं था। इसलिए सूरत रेलवे स्टेशन से रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स के जवानों ने अवधेश दूबे को गिरफ़्तार किया। और अवधेश को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही अवधेश पर साढ़े तीन हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगा।

क्या है वीडियो में

वीडियो में आपने सुना कि वायरल हुए इस वीडियो में अवधेश दुबे कार्टून किरदार डोरेमॉन से लेकर, राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं पर मज़ाकिया टिप्पणी करते हुए खिलौने बेच रहा है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है। उनके इस मजाकिया अंदाज पर कुछ लोग अवधेश को बेहतरीन ‘सेल्समैन’ बता रहे हैं।

इस वीडियो में कई पंचलाइन के इस्तेमाल ने अवधेश को रातो रात प्रसिद्ध कर दिया-

नेता हो तो मोदी जैसा, मुलायम तो तकिया भी होता है। जियो का डेटा और सोनिया का बेटा, दोनों सिर्फ मनोरंजन के काम आते हैं। 2024 तक ख़ुद इटली नहीं गए तो यहीं पर इडली बेचना पड़ेगा। लेडीज़ और औरत में अंग्रेज़ी और हिंदी का फ़र्क है। जैसे बराक ओबामा और मोदी में। मेरा नाम है अवधेश दुबे, देखे नहीं, पांच-छह जन तो इधर ही ले डूबे। विजय माल्या के नाम में ही प्रॉब्लम था। विजय माल लिया।

मीडिया दोषी या कौन?

अवधेश और अवधेश का परिवार बेरोजगार हो जाने का कारण मीडिया को मान रहा है और काफी गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं। धंधा बंद करवाने को लेकर निराश परिवार वायरल वीडियो को बड़ा कारण मानता है।

अब सवाल भी जायज है कि अगर गिरफ्तारी हुई तो केवल अवधेश की क्यों? क्या अवधेश अकेला ऐसा है जो रेलवे में कुछ बिना लाइलेंस के बेच रहा था? अगर वह रेलवे में खिलौने बेच कर हंसा रहा था। साथ ही रोजगार कर रहा था तो कानून की तलवार क्या इंसानियत के आगे झुक नहीं सकती थी। ऐसे बहुत सारे सवाल हैं लेकिन कुछ भी हो यह कहा जा सकता है कि कैमरे के आगे आपका आना आपका धंधा चौपट करा सकता है। कानून का शिकंजा और कानून का भेदभाव का रवैया सब यहां लागू होगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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