जयंती विशेष : जय का प्रकाश फैलाते रहे लोकनायक
साल था 1914। पटना के एक मैदान में काफी भीड़ जमा थी। सबसे अधिक संख्या नौजवानों और कॉलेज में पढ़ने वाले लड़कों की थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड से देश झुब्ध था। हर तरफ गम और…
साल था 1914। पटना के एक मैदान में काफी भीड़ जमा थी। सबसे अधिक संख्या नौजवानों और कॉलेज में पढ़ने वाले लड़कों की थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड से देश झुब्ध था। हर तरफ गम और…
तमसा नदी के तट पर पीपल के वृक्ष के नीचे एक ऋषि विचारमग्न थे। सुबह की इस वेला में नदी की लहरें शांत थीं। मंद हवा बह रही थी, जिनमें पत्तियां-डालियां हिल-मिल रही थीं। पंछी…
साल था 1985। वैज्ञानिकों का एक दल ब्रिटिश अंटार्कटिक का भौगोलिक व वायुमंडलीय सर्वे कर रहा था। इस दौरान उन्होंने पाया कि धरती के इस क्षेत्र में गर्मी का असर कुछ अधिक तीक्ष्ण है। उन्होंने…
आज है हिंदी दिवस। यानी हिंदी की दशा-दिशा, दुर्दशा पर बात करने का दिन। हिंदी खो गई है, हिंदी मर रही है। हिंदी नहीं बची है। लुप्तप्राय है। हाय-हाय हिंदी, हाय हिंदी कर के विधवा…