SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

vikas

जयंती विशेष : जय का प्रकाश फैलाते रहे लोकनायक

साल था 1914। पटना के एक मैदान में काफी भीड़ जमा थी। सबसे अधिक संख्या नौजवानों और कॉलेज में पढ़ने वाले लड़कों की थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड से देश झुब्ध था। हर तरफ गम और…


राम सिया के लव कुश- कहानी की आत्मा से खेल रही है निर्माताओं की रचनात्मक छूट

तमसा नदी के तट पर पीपल के वृक्ष के नीचे एक ऋषि विचारमग्न थे। सुबह की इस वेला में नदी की लहरें शांत थीं। मंद हवा बह रही थी, जिनमें पत्तियां-डालियां हिल-मिल रही थीं। पंछी…


ओजोन दिवस और पर्यावरण- प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ता जा रहा है?

साल था 1985। वैज्ञानिकों का एक दल ब्रिटिश अंटार्कटिक का भौगोलिक व वायुमंडलीय सर्वे कर रहा था। इस दौरान उन्होंने पाया कि धरती के इस क्षेत्र में गर्मी का असर कुछ अधिक तीक्ष्ण है। उन्होंने…


हिंदी दिवस – ईस्ट से इयान के देश तक फैली हिंदी

आज है हिंदी दिवस। यानी हिंदी की दशा-दिशा, दुर्दशा पर बात करने का दिन। हिंदी खो गई है, हिंदी मर रही है। हिंदी नहीं बची है। लुप्तप्राय है। हाय-हाय हिंदी, हाय हिंदी कर के विधवा…