क्या हारना इतना आसान है?
क्या हारना इतना आसान है? कि उस पर आंसू न निकले आगे बढ़ने का प्रयास तक न करें क्या हमारी असफलता में सिर्फ हमारा दोष होता है? चाह कर भी कुछ ना कर पाने…
क्या हारना इतना आसान है? कि उस पर आंसू न निकले आगे बढ़ने का प्रयास तक न करें क्या हमारी असफलता में सिर्फ हमारा दोष होता है? चाह कर भी कुछ ना कर पाने…
क्या सच होने वाला है जो मैंने अभी है देखा सपना था पर क्यों डरा रहा जैसे हो हकीकत जैसा छिपकली जो कूदती है इधर से उधर कल यही तो बोल रही थी मैं मम्मा…