पागल हो चुका विकास लोकतंत्र से भीड़तंत्र की तरफ भाग रहा है
देश के अधिकतर बेरोजगार युवा उन्मादी भीड़ में तब्दील हो चुके हैं या फिर कतार में हैं। वहीं, पागल हो चुका विकास अब लोकतंत्र से भीड़तंत्र की तरफ भाग रहा है। इस भीड़ के हाथों…
देश के अधिकतर बेरोजगार युवा उन्मादी भीड़ में तब्दील हो चुके हैं या फिर कतार में हैं। वहीं, पागल हो चुका विकास अब लोकतंत्र से भीड़तंत्र की तरफ भाग रहा है। इस भीड़ के हाथों…
-ऋतु एक शाम बिताने की ख्वाहिश है तुम्हारे साथ और एक कप कॉफी की चाहत है तुम्हारे साथ नहीं, प्रेमी-प्रेमिका की तरह बिल्कुल नहीं एक दूसरे की आंखों में देखते हुए भी नहीं एक…