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mohabbat

कविताः मेरी सच्ची इबादत है

-प्रिया सिन्हा  आज अभी हर-पल, हर-क्षण बस यही सोच रही हूँ मैं, कि सबके सामने अपने प्यार का इजहार कर दूं; चीख-चीख कर सब लोगों को बताऊं और खुद ही, सबके सामने अपने प्यार का…


प्यार करने का हश्र यह हुआ कि आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे

मजबूरियां- हमारी अधूरी कहानी आज के परिवेश की एक अधूरी परन्तु सच्ची प्रेम कहानी है। जहाँ एक तरफ आदमी चाँद पर पहुँच गया है, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने घरों से निकलना नहीं चाहते हैं।…