मीत
-अंकित कुंवर जेई न समझे मित्र का मान, होई दुखदायी कहूँ महान। सच्चा मित्र सम्मान पाहिजे, शत्रु विधाता पापित काहिजे। केहू कहि दुख हरि हमारो, देखत देखत गुण बौछारो। अवगुण अस्त व्यस्त…
-अंकित कुंवर जेई न समझे मित्र का मान, होई दुखदायी कहूँ महान। सच्चा मित्र सम्मान पाहिजे, शत्रु विधाता पापित काहिजे। केहू कहि दुख हरि हमारो, देखत देखत गुण बौछारो। अवगुण अस्त व्यस्त…
देश को आजाद कराने के लिए न जाने कितने युवाओं ने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया था। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्याटोपे, मंगलपाण्डे युवा ही थे। रानी…