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राजीव कुमार झा

प्रेम की प्रतीक्षा में, किस तरह उठते हैं प्रार्थना के स्वर

आज हम साहित्य जगत से कुंदन सिद्धार्थ और उनकी कविताओं से रूबरू करा रहे हैं। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के कवि कुंदन सिद्धार्थ की कविताओं में जीवन की सहज अनुभूतियों का समावेश है ।…


कविता को पहले कविता की शर्तों पर खरा उतरना होता है- संजय कुंदन

साहित्य जगत में तमाम कवि, लेखकों पर चर्चा होती रहती है। हम भी कोशिश करते हैं कि साहित्य में विभिन्न विधाओं पर कुछ न कुछ आपके सामने परोसा जाए। हम कभी कविता पर बात करते…


परशुराम की वजह से कर्ण का वध हुआ, जानिये क्यों?

वर्तमान संदर्भों में परशुराम की कथा शासन और नीति के सामंजस्य की ओर ही संकेत करती है और धर्म के रूप में स्वेच्छाचारिता की जगह पर  नियम-विधान की स्वीकार्यता पर प्रकाश डालती है। परशुराम जयंती…