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कवयित्री

कोरोना और साहित्य से जुड़े तमाम प्रश्नों को लेकर कवयित्री अल्पा से खास बातचीत!

गुजरात के राजकोट की कवयित्री अल्पा योगेश महेता साहित्य में अपने उपनाम एक एहसास से जानी जाती हैं और इन्होंने हिंदी, गुजराती के अलावा अंग्रेजी में काव्य लेखन किया है. पत्र-पत्रिकाओं और डिजिटल चैनलों पर…


कविताः हमारा तिरंगा

-प्रिया सिन्हा तिरंगे के तीन रंग  केसरिया रंग सदा ही बल भरने वाला आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करने वाला मेहनत का फल देने वाला करने पर अथक प्रयास सफलताएं मिलती इतनी ऊँची जितना ऊँचा…


कविताः पिता

-रचना दीक्षित जाने क्यों नहीं बदलते कभी पिता मेरे हों या मेरे बच्चों के जब देखो रहते हैं पिता बचपन में देखा तो पिता बड़ी हुई तो भी पिता उम्र के इस पड़ाव पर जब…