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विवेक आनंद सिंह

कुछ कहा भी होता चुप होने से पहले

कुछ याद किए होते सब भूलने से पहले कुछ कहा भी होता, चुप होने से पहले   शायद मुझमें ही कुछ कमी थी जो याद ना आए तुम्हें कुछ तो वफ़ा किया होता, बे मुरव्वत…


भइया बहनों पहली बार हमने कुछ खड़ा किया हैः योगी-मोदी पर व्यंग्य

“नाम बता दिया तो पहचान बुरा मान जायेगी” -अक्षय बाबा “नहीं बताया तो हम खुदै रख देंगे बच्चा”-योगी बाबा “भईया बहनों पहली बार हमने कुछ खड़ा (इरेक्ट) किया है”-मोदी बाबा देश मे यही चल रहा…


कविताः जले खतों को राख में फिर से उभरते देखा

-विवेक आनंद सिंह किसी सूरत को देखा किसी मूरत को देखा बदलते हर एक मौसम में किसी अपने को देखा   खुमारी के आलम में, नशा चढ़ कर जो बोला है लगा के आग सीने…