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प्रेम

मासूमों में भी घोला जा रहा जहर, वायरल वीडियो से सामने आया सच

जब कोई किशोर रामभक्त अपने देशप्रेम और रक्षा के नाम पर हिंसा करने लग जाये तो गुस्सा करने की बजाय उसकी परिवरिश और उस माहौल को देखना, जानना और समझना जरूरी हो जाता है जहां…


मुझे पता है बिखराव के ये मौसम फिर से आयेंगे

हालात, वक़्त, यादों का ढेर, दुःख, उदासी से पुते हुए पन्ने और वो। इक शाम आई और चली गई रात से डरकर। “मैं कौन हूँ” सोचते हुए अरसा बीत गया और जब जवाब आने को…


मेरी कलम की गुस्ताखी- “मुट्ठीभर खुशी”

अलसाई धुंधली सुबह के बाद बड़े दिन हुए चमकीली धूप निकली। लग रहा था कि कितने दिनों की नींद से ये कूनो का जंगल सोकर उठा है। ओस ने नहला के इसे राजा बेटे सा…


लब और कलम दोनों को आज़ाद करने की कोशिश, निलेश शर्मा की खास पंक्तियां

-निलेश शर्मा मैं हर उस जगह पर होना चाहता हूं जहाँ मुझे होना चाहिए, जैसे उस घड़ी की तरफ जो भागता रहता है सबकी कलाईयों में बंधकर, उन बातों में जब वो दोनों लड़कियां कान…