आपातकाल, अघोषित आपातकाल और दृष्टिकोण का सवाल
-रवींद्र गोयल पिछले कुछ दिनों से एक दिलचस्प नज़ारा देखने को मिल रहा है। दरअसल, चोर मचाये शोर की तर्ज़ पर वर्तमान में अघोषित आपातकाल के सूत्रधार आपातकाल और उसके दमन पर इतना शोर मचा…
-रवींद्र गोयल पिछले कुछ दिनों से एक दिलचस्प नज़ारा देखने को मिल रहा है। दरअसल, चोर मचाये शोर की तर्ज़ पर वर्तमान में अघोषित आपातकाल के सूत्रधार आपातकाल और उसके दमन पर इतना शोर मचा…
-सुकृति गुप्ता “जनकवि हूँ, मैं साफ़ कहूंगा, क्यों हकलाऊं” आज उस आदमी का जन्मदिन है, जिसे घूम-घूम कर कविता लिखने का शौक था। घूमने का इतना शौक फ़रमाते थे कि बीवी के पास भी नहीं…