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जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा हटा दो, सब कुछ ठीक हो जाएगाः शोक में सोशल मीडिया

तस्वीरः गूगल साभार

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अनंतपुरा इलाके में गुरुवार को हुए अब तक के सबसे बड़े फिदायीन हमले के बाद देश शोक में डूब गया है। इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 44 जवान शहीद हो गए। इसके बाद से सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लोगों की प्रतिक्रिया आक्रोश औऱ दुःख के रूप में व्यक्त की जा रही है।

सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद कैबिनेट की सुरक्षा संबंधी समिति की (सीसीएस) शुक्रवार सुबह अहम बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया गया।

जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने दोपहर 3:15 बजे जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले पर यह फिदायीन हमला किया। उसने एक गाड़ी में विस्फोटक भर रखे थे। जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। जिस बस को हमले के लिए निशाना बनाया गया, वह 76वीं बटालियन की थी। आदिल ने एक गाड़ी में 100 किलोग्राम विस्फोटक भर रखा था। आतंकी के पास 350 किलो विस्फोटक था। बताया जा रहा है कि पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।

जवानों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोग कहीं गुस्से का इज़हार कर रहे हैं तो कहीं शहादत पर शोक ज़ाहिर कर रहे हैं। इसी को लेकर फोरम4 की फेसबुक (सोशल मीडिया) पर नजर पड़ी। उसी को हम आपसे साझा कर रहे हैं।

फ़ेसबुक पर पत्रकार प्रभाकर मिश्रा ने लिखा है, “पुलवामा में शहीद जवानों के सम्मान में पाकिस्तान के खिलाफ जो कार्रवाई करनी है तत्काल कीजिए लेकिन कश्मीर में आतंकवाद की समस्या का एक ही समाधान है- जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटा दो, सबकुछ ठीक हो जाएगा. अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 को हटा दीजिए और फिर देखिए क्या बदलाव आता है! अभी कश्मीर भारत विरोधी लोगों के हाथ में है जिनके मन मे भारत के प्रति नफरत और पाकिस्तान के प्रति प्रेम है। जिस दिन कश्मीर घाटी में देश के बाकी राज्यों के लोग जमीन खरीद सकेंगे, नौकरी करेंगे, वहाँ बसना शुरू कर देंगे सब ठीक हो जाएगा। आज कश्मीर के घर-घर से आतंकी बनते हैं उस पर लगाम लगेगा।”

केवल राम ने अपने फेसबुक पोस्ट में सरकार को नाकामयाब बताते हुए लिखा है कि “मोदी को इस्तीफा देकर न्याय करनी चाहिए मगर वो ऐसा नहीं कर सकते”

लोगों में सरकार के प्रति इस पर गुस्सा भी है। फेसबुक पर गालियां भी दी जा रही हैं।

राजन द्विवेदी ने दुख जाहिर करते हुए लिखा कि एक इंच भी कम हो तो आप आर्मी में नहीं लेते तो मां कैसे आधा शरीर ले…

रीवा ने अपने पोस्ट के माध्यम से दुख व्यक्त किया है।

साहित्य मौर्या ने लिखा है कि मोहब्बत वाले दिन ही कुछ चिराग बुझ गए।

विशाल ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि कुछ दिनों की बात है फिर इस पर फिल्म बनेगी और लोग कहेंगे क्या गजब की फिल्म थी।

मोदी सरकार ने नकारात्मक खबरों को चलाने पर रोक लगा दिया है इस पर अभय ने लिखा कि अब तो मान जाओ।

शव की गाड़ी पर पत्थरबाजी करने वाले कश्मीरी लोगों को लिखा कि इससे ज्यादा ……….क्या

अखिलेश ने लिखा है कि “कल से कोई एंकर/चैनल सीआरपीएफ के डीजी से सवाल नहीं पूछ रहा। 2500 सुरक्षा बलों को भेजने का आदेश देकर कुंभ नहाने क्यों चले गए थे? कोई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से नहीं पूछ रहा कि आपने क्या सलाह दी थी? गृह मंत्री जी कहाँ थे, क्या कर रहे थे? सबसे अव्वल ये कि देश नहीं झुकने दूंगा का नारा और चौकीदारी का भरोसा दिलाने वाले क्या कर रहे थे? कोई तो पूछो क्या थी उनकी नीति? क्यों फेल हुए?किस झील में हाथ हिला रहे थे? पूछते क्यों नहीं? पूर्व राजनयिक, पूर्व कर्नल, पूर्व ब्रिगेडियर को बैठाकर गाल मत बजवाओ। 5 साल तो ये हो ही रहा है!”

वहीं कई लोगों ने व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर शोक व्यक्त किया और कहा कि आखिर ऐसे हमले कब तक होते रहेंगे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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