इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गुुरुवार को डीयू की विद्वत परिषद की स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस बार सरकारी स्कूलों और गांव से पढ़ने वाले छात्रों को लड़कियों के प्रवेश की तरह लाभ दिया जाएगा। समिति के सदस्य रसाल सिंह ने बताय़ा है कि इसके साथ ही एक ऑनलाइन कैलकुलेटर तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से बेस्ट फोर को प्रवेश के लिए कैलकुलेट किया जा सकेगा। अभी तक इसकी गणना मैनुअली करनी पड़ रही थी। हालांकि इन निर्णयों पर अंतिम निर्णय कुलपति का होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक, परास्नातक, एमफिल-पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया जल्द शुरू होने जा रही है। अगर मीडिया में आई खबरों की मानें तो 1 मई से विश्वविद्यालय में दाखिले की दौड़ शुरू हो सकती है। इससे पहले इसके लिए प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू होने की बात कही जा रही थी। इस बार डीयू के दाखिले को लेकर नियमों में बदलाव को लेकर चर्चा है। डीयू आवेदन फॉर्म जारी होने के बाद अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.du.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गुुरुवार को डीयू की विद्वत परिषद की स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस बार सरकारी स्कूलों और गांव से पढ़ने वाले छात्रों को लड़कियों के प्रवेश की तरह लाभ दिया जाएगा। समिति के सदस्य रसाल सिंह ने बताय़ा है कि इसके साथ ही एक ऑनलाइन कैलकुलेटर तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से बेस्ट फोर को प्रवेश के लिए कैलकुलेट किया जा सकेगा। अभी तक इसकी गणना मैनुअली करनी पड़ रही थी। हालांकि इन निर्णयों पर अंतिम निर्णय कुलपति का होगा।
इस वर्ष यानि की 2019 से दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्ट्रीम में परिवर्तन करने पर मार्क्स में कटौती का प्रतिशत कम कर दिया है. 2019 से पहले स्ट्रीम बदलने पर अभ्यर्थियों के मार्क्स में 5 प्रतिशत अंक की कटौती होती थी, लेकिन अब नए रूल के मुताबिक स्ट्रीम परिवर्तन करने पर सिर्फ 2 प्रतिशत अंक की ही कटौती की जाएगी.
गौरतलब हो कि प्रवेश प्रक्रिया 15 अप्रैल से 7 मई के बीच शुरू होनी थी हालांकि बाद में इस तारीख को बदल दिया गया। अब दाखिला समिति की चेयरपर्सन राजीव गुप्ता ने कहा, ‘हम 1 मई से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं क्योंकि हमें कुछ तैयारी पूरी करनी है।
दाखिला प्रक्रिया को लेकर इन-इन नियमों में बदलाव किया जा सकता है
इस बार अपने विषयों में बदलाव करने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। जो छात्र अपने विषय में बदलाव करेंगे, उनके कुल प्रतिशत में सिर्फ दो फीसदी की कटौती की जाएगी। इससे पहले सब्जेक्ट बदलने पर छात्रों के रिजल्ट को 5 फीसदी कम माना जाता था।
स्पोर्ट्स और ईसीए कोटे के लिए भी 5 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती है या उनके अंक कट-ऑफ में जोड़े जा सकते हैं।
डीयू और सीबीएसई के डेटा को लिंक किया जा सकता है। इसके बाद उम्मीदवारों को दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी।
वीडियो के माध्यम से यह बताया जाएगा कि आखिर आवेदन कैसे किया जा सकता है। वहीं उम्मीदवारों के लिए डमी एप्लीकेशन भी मौजूद होंगे।
इस बार आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को भी आरक्षण दिया जाएगा।
भाषा के विषय को लेकर भी बदलाव की तैयारी की जा रही है!
डीयू में कई विदेशी और आठवीं अनुसूची के तहत आने वाली भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। लेकिन, कई कॉलेज ऐसे हैं, जहां पर इसकी पढ़ाई नहीं होती। कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं, जहां अरबी या फारसी की पढ़ाई होती है। इस पर ऐसी नीति बनाई जा रही जिससे छात्र मजबूरी में नहीं बल्कि भाषा के प्रति लगाव होने पर ही छात्र दाखिला लेकर पढ़ाई कर सके।
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