दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव आम्बेडकर कॉलेज के भूगोल विभाग ने दो-दिवसीय ‘भूगोल मेला’ का आयोजन किया। विभाग की प्रभारी डॉ. तूलिका सनाढ्य ने बताया की इस वर्ष का मुख्य विषय “प्रकृति एवं स्वास्थ्य : प्रकृति बनाम आपदा है”।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर अनु कपूर उपस्थित रहे। उन्होंने आपदाओं का भारत के संदर्भ में विश्लेषण करते हुए एक नया आयाम प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात का विस्तृत उल्लेख किया कि किस तरह आपदाएं प्राकृतिक ही नहीं होती, बल्कि मानव जनित होती हैं।
शिक्षकों की ओर से समर्पित एवं छात्रों की ओर से आयोजित इस ‘भूगोल मेला’ में अनेकानेक कार्यक्रम प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी व्याख्यान, पोस्टर मेकिंग, क्विज़, मैप पॉइंटिंग, फोटोग्राफी एवं वाद-विवाद आदि आयोजित किए गए। विभिन्न कॉलेज से आए छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
साथ ही पहली बार यह विभाग अपने विद्यार्थियों की ओर से निर्मित ‘इको-फ्रेंडली’ सम्बन्धी सामग्री की प्रदर्शनी लगाई, जिनसे यह बताने की कोशिश की गई कि पृथ्वी को पर्यावरणीय दृष्टि से संतुलित एवं संरक्षित रख सकते हैं और जीवन को सरल बना सकते हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
साथ ही यह भी बताया गया कि वर्तमान सत्र की विभागीय पत्रिका ‘भूचेतना’ को भी प्रकाशित करने की योजना है, जिसमें भूगोल विषय से संबंधित महत्वपूर्ण लेख होंगे। इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य जीके अरोड़ा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये अपनी शुभकामनायें दी।
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