SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही आरएसएस की यह फर्जी चिट्ठी

तस्वीरः गूगल साभार

वैसे तो सोशल मीडिया पर लोगों की ओर से बिना खबरों की जांच पड़ताल किए कुछ भी शेयर कर दिया जाता रहा है। लेकिन, अगर यही चीज चुनाव के मौसम में हो तो यह वायरल बने बिना कैसे रह सकती है। फर्जी खबर परोसने का धंधा केवल सोशल मीडिया पर हो तो समझ में आती है। लेकिन, अगर यही मीडिया वाले भी करने लग जाएं तो ऐसी पत्रकारिता पर सवाल उठने लग जाते हैं। इसी क्रम में मीडिया विजिल जैसी वेबसाइट पर भी एक पत्र प्रकाशिक किया गया। हालांकि इस पत्र को बाद में मीडिया विजिल ने ही फर्जी बताया। इस पत्र में यह कहा जा रहा है कि इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने लिखा है। इस पत्र को सोशल मीडिया पर लोग शेयर करके तरह-तरह का राजनीतिक लाभ साधने में लगे हैं।

 

पत्र में दावा किया गया है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने के कारण संघ भाजपा से नाराज़ है। पत्र में 20 अप्रैल की तारीख पड़ी हुई है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम बड़े अक्षरों में लिखा है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसे आरएसएस के आधिकारिक लेटर हेड पर लिखा गया है। लेकिन आरएसएस की ओर से यह ट्विटर पर ट्वीट करके कहा गया कि यह फर्जी है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में लिखा है, “भोपाल की महिला प्रत्‍याशी के शहादत के खिलाफ अनावश्‍यक बयानबाजी से पुलवामा हमले से जो राजनीतिक लाभ निर्मित की गई थी वो अब समाप्‍त हो चुकी है इसलिए समय रहते ही प्रत्‍याशी बदलना उपयुक्‍त होगा।”

इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि सुरेश सोनी भाजपा से कह रहे हैं कि भोपाल से भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बदल कर कोई दूसरा प्रत्याशी चुनाव में उतारा जाए।

बता दें कि ‘साध्वी’ प्रज्ञा सिंह ठाकुर जो कि मालेगांव ब्लास्ट केस में आज भी अभियुक्त हैं और मेडिकल ग्राउंड पर ज़मानत मिलने के बाद चुनावी मैदान में उतरी हैं।

 

साथ ही पत्र में लिखा गया है कि “हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना में बच्चों को संस्कार देने की जिम्मेदारी मां की है, यदि महिलाएं अपने इस मूल कर्तव्य से विमुख होकर राजनीति की ओर आकृष्ट होंगी तो संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण का दायित्व प्रभावित होगा।” इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि आरएसएस का महिला विऱोधी मानसिकता है।

पत्र और उसमें लिखी बातें किस हद तक प्रामाणिक हैं इसकी जाँच करने के लिए हमने संघ की आधिकारिक वेबसाइट खंगाली तो वहाँ सुरेश सोनी द्वारा लिखित ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ।

संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने इस संबंध में ट्वीट कर इसकी जानकारी दी कि वायरल हो रहा पत्र फर्जी है।

यह पहली बार नहीं है जब आरएसएस के नाम पर किसी फ़र्ज़ी चिट्ठी को सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है। नवंबर-दिसंबर में हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान और क़रीब दो हफ़्ते पहले भी सोशल मीडिया पर आयकर विभाग के छापों के संदर्भ में ऐसे कई पत्रों में दावा किया गया कि आरएसएस की ओर पत्र लिखे गए। लेकिन मीडिया ने फैक्ट चेक में इसे फर्जी पाया।

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "सोशल मीडिया पर वायरल हो रही आरएसएस की यह फर्जी चिट्ठी"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*