नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बैनर तले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के अध्यक्ष बने अंकिव बासोया को एवीबीपी ने संगठन से निष्कासित कर दिया है। साथ ही एबीवीपी ने अंकिव बासोया से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहा कहा है। मामले में जांच पूरी होने तक अंकिव को संगठन की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए अंकिव 13 सितंबर को निर्वाचित हुए थे। अंकिव पर आरोप है कि उन्होंने डीयू में एडमिशन के लिए फेक डिग्री का सहारा लिया था और इस आरोप पर वो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। गौरतलब हो कि फर्जी डिग्री मामले में एनएसयूआई के सन्नी छिल्लर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए डीयू प्रशासन को 20 नवंबर तक का समय दिया है। वहीं, डीयू का कहना है कि कोर्ट तमिलनाडु की थिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी को निर्देश दे कि वे डीयू को मार्कशीट के सत्यापन में सहयोग दे।
We have asked DUSU President Ankiv Baisoya to resign from his post and also expelled him from all the responsibilities of the organization till the inquiry is over (in fake degree case): Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad (ABVP) pic.twitter.com/6omJzXc5Dz
— ANI (@ANI) November 15, 2018
बता दें कि छात्र संघ चुनाव के बाद विपक्षी छात्र संगठनों ने बासोया पर फर्जी डिग्री के साथ विश्वविद्यालय में दाखिला लेने का आरोप लगाया था और जिसके बाद मामले में जांच शुरू की गई। आरोप है कि बासोया ने डीयू के बुद्धिस्ट डिपार्टमेंट में दाखिले के लिए वेल्लूर यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया।
अब दोबारा चुनाव नहीं हो सकते
एनएसयूआई का कहना है कि डीयू अब तक इस मामूली से फर्जीवाड़े की जांच नहीं कर पाई है। इसके साथ साथ दो महीने पूरे हो चुके हैं और लिंग्दोह कमिटी की सिफारिश के मुताबिक अब चुनाव नहीं हो सकते, बल्कि उपाध्यक्ष को अध्यक्ष पद का पदभार दिया जा सकता है। डीयू ने यह देरी जानबूझकर की है।
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