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दिल्ली सरकार गेस्ट लेक्चरर के साथ कर रही भेदभाव, शिक्षक लगा रहे न्याय की गुहार

दिल्ली सरकार लगातार शिक्षा में बदलाव की बात करती है। इसके लिए एक ओर शिक्षा का बजट भी बढ़ाती है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली सरकार के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) व डाइट में कार्यरत अतिथि शिक्षक (गेस्ट लेक्चरर) की सैलरी को लेकर भेदभाव करने का बड़ा मामला सामने आया है। ये शिक्षक काफी दिनों से शोषण के शिकार हैं। इनका कार्य संविदा पर कार्य कर रहे शिक्षक के समान हैं लेकिन वेतन कम। ऐसे में ये शिक्षक दिल्ली सरकार से सैलरी बढ़ाने को लेकर गुहार लगा रहे हैं।

बता दें कि एससीईआरटी और दिल्ली डाइट में एक समान कार्य करने के लिए तीन तरह की फैकल्टी (स्थायी, संविदा और अतिथि शिक्षकों) की नियु्क्ति की जाती है। इन तीनों स्तर पर समान कार्य करने वाले शिक्षकों के वेतन में बहुत ज्यादा अंतर है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि एससीईआरटी और डाइट में कार्यरत संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) लेक्चरर एवं अतिथि (गेस्ट) लेक्चरर को एक समान कार्य के लिए समान वेतन क्यों नहीं दिया जाता जब उनके कार्य समान है। इन गेस्ट लेक्चरर को कार्य दिवस के हिसाब से प्रति दिन की सैलरी ही मिलती है जो 2000 रुपये है।

गौरतलब हो कि 7वीं सीपीसी के बाद शिक्षकों की सैलरी एक बड़े स्तर पर बढ़ाई गई, लेकिन इनमें केवल स्थायी और संविदा वाले शिक्षक ही शामिल हैं। अतिथि शिक्षकों की सैलरी नहीं बढ़ाई गई जोकि बढ़ना चाहिए था। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि हम लोग दिल्ली शिक्षा और निदेशक के अंतर्गत कार्यरत हैं। जबकि स्कूल में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सैलरी दोगुनी की जा चुकी है, लेकिन हम लोगों की सैलरी उतनी ही है।

अतिथि शिक्षकों और संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों का काम है समान

एससीईआरटी, अतिथि शिक्षकों और संविदा या स्थायी नियुक्ति वाले शिक्षकोंके काम समान हैं। ये शिक्षक भी कक्षाएं लेने, कक्षा अध्यापक बनने, टीजीटी और पीजीटी को प्रशिक्षित करने, वर्कशॉप को चलाने, एमटी के कार्यक्रम में भाग लेने, परीक्षा शाखा में काम करने, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि में ठीक वैसे ही भाग लेते हैं जैसे अऩ्य शिक्षक।

वेतन में है बहुत भेदभाव

अतिथि शिक्षकों और संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों की सैलरी में बहुत ज्यादा अंतर है। जहां संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों की सैलरी 47790 रुपये है वहीं, अतिथि शिक्षकों को 2000 रुपये प्रति दिन (केवल कार्य दिवस) के हिसाब से मिलता है। ऐसे शिक्षक अपने साथ हो रहे इस तरह के भेदभाव और सरकार की उपेक्षा के शिकार हैं जिसकी वजह से इनकी परेशानी और बढ़ गई है।

अतिथि शिक्षक पहले भी कर चुके हैं मांग

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने सैलरी बढ़ाने को लेकर दिल्ली सरकार और एससीईआरटी निदेशक को कई बार पत्र भी लिखा है लेकिन, उनकी मांगों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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