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राजस्थान में वसुंधरा सरकार मंत्रों से ठीक करेगी कैंसर, मंत्र पर करोड़ों खर्च

-प्रभात

वसुंधरा राज में मंत्रोचारण से भाग जाएंगी बीमारियां, डॉक्टर की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने शोध केंद्र की शुरुआत के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अस्पतालों में आम लोगों के बेहतर इलाज के लिए बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत योजना’ की शुरुआत कर रहे हैं। राज्यों की सरकारें अब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत ठीक नहीं करा पा रही हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चें दम तोड़ रहे हैं। वहीं, राजस्थान में इसी बीच वसुंधरा सरकार ने मंत्रों के माध्यम से असाध्य रोगों के इलाज के लिए शोध केंद्र की शुरुआत के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है।

इससे कैंसर, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन जैसी किसी बीमारी से पीड़ित होने पर व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की जरूरत ही नहीं रहेगी। केवल राजस्थान की वसुंधरा सरकार के उस ठिकाने पर जाना होगा जहां संस्कृत के मंत्रों से उपचार का दावा किया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने की है पहल!

इसका उद्धाटन केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (मानव संसाधन) और राजस्थान की कैबिनेट मंत्री किरण माहेश्वरी (राज्य के संस्कृति और शिक्षा मंत्री) ने पिछले 25 सितंबर को किया है। इससे इसकी भी पुष्टि हो जाती है कि केंद्र में मोदी सरकार भी इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर अपना पूरा जोर लगाए बैठी है। इस केंद्र का दावा है कि मंत्रोचारण मात्र से कैंसर जैसी असाध्य बीमारी का भी इलाज हो सकता है। राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने जयपुर में जगद्गुरु रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थित इस केंद्र की स्थापना के लिए 22 करोड़ की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई थी।

गौरतलब है कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा ने विश्वविद्यालय में, इस विशेष केंद्र के लिए 10 साल पहले (2007-08) के पिछले सरकार के कार्यकाल में बजट के दौरान वसुंधरा ने इस केंद्र की स्थापना की घोषणा की थी। भाजपा से बगावत कर नई राजनैतिक पार्टी बना चुके विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इसका खाका तैयार किया था। वह तब वसुंधरा सरकार के शिक्षा मंत्री थे। वैसे वसुंधरा राजे की सरकार ने देश का पहला गो-पालन मंत्रालय भी बनाया है, जिसके मंत्री ओतराम देवासी हैं।

केंद्र के डायरेक्टर नारायण होसमाने के अनुसार ‘इस केद्र का उदेश्य मंत्रोचारण करने के सही तरीके से आम लोगों और शिक्षाविदों को अवगत कराना है। उनका कहना है मंत्रो के सही उच्चारण से एक ऊर्जा का प्रवाह होता है जिसका मन और शरीर में सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है और इससे कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी दूर हो सकती हैं। मंत्रों पर वैज्ञानिक काम होने की जरूरत है। केंद्र में डिप्रेशन और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों के साथ ही कैंसर जैसे गंभीर रोगों का इलाज मंत्र चिकित्सा पद्धति से किया जाएगा।’

संस्कृति और शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी का मानना है कि मन्त्र-चिकित्सा पद्धति से बीमारियों का इलाज संभव है और जिसका प्रयोग इस केंद्र में किया जाएगा।

लेकिन, वसुंधरा सरकार के इन दावों से डॉक्टर कतई सहमत नहीं दिख रहे हैं। वायर में प्रकाशित खबर के अनुसार जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के अधीक्षक रहे डॉ. नरपत सिंह शेखावत कहते हैं, ‘मंत्रों से बीमार आदमी के इलाज का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। बीमारी दवाई लेने से ठीक होती है न कि मंत्र सुनने से। मंत्रों से बीमारी कैसे ठीक होगी, यह मेरे लिए कौतूहल का विषय है।’

डॉक्टरों का मानना है की ऐसे दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना पड़ता हैं न कि किसी मन्त्र केंद्र में जाने से कोई असाध्य रोग दूर हो सकता है।

सवाल आपके लिए?

लेकिन, इन सबके इतर यह बात आपको सोचने की जरूरत है और सवाल उठाना चाहिए कि महारानी के इस प्रोजेक्ट पर जनता के पैसों का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। इस तरह मंत्र और संस्कृति के नाम पर सरकार कितनों को मारना चाहती है। पीड़ितों को न्याय न दिलाकर एक तरफ सरकार पीड़ितों को ही जेल भिजवा देती है। दम तोड़ते बच्चों को कफन तक मुहैया नहीं करा पा रही। वहीं इस प्रकार के केंद्र की स्थापना पर करोड़ों खर्च और उसके बाद असाध्य रोगों के इलाज की बात आसानी से हजम होती नहीं है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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