अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने 18 अप्रैल को घोषित हुए तेलंगाना राज्य बोर्ड परीक्षा परिणाम में हुई अनियमितता के आरोपियों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के छात्रों के साथ कैंडल मार्च निकाला ।
गौरतलब हो कि तेलंगाना में राज्य बोर्ड परीक्षा परिणाम में अनियमितता के कारण कई होनहार छात्रों ने आत्महत्या कर ली। बोर्ड परीक्षा में कथित गडबड़ी के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। पिछले सात दिनों के अंदर 19 छात्रों की आत्महत्या का गंभीर मामला सामने आया था। ये संख्या अब 21 हो गई है। इसके बाद परिजनों ने प्रदर्शन भी किए। राज्य सरकार ने अनुत्तीर्ण हुए 3 लाख से ज्यादा छात्रों की उत्तर पुस्तिका दोबारा चेक करने का आदेश दिया था। सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनाई है।
मृतक छात्रों के प्रति कैंडल मार्च में शामिल छात्रों ने श्रद्धांजलि अर्पित की तथा सरकार द्वारा आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने कहा कि, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासनिक विफलता के चलते कई छात्रों ने आत्महत्या कर ली, तेलंगाना सरकार ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे छात्रों की जान बचाई जा सके। ऐसी स्थिति समाज के लिए बेहद भयावह है। इस घटना के आरोपियों पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए तथा पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था के जिम्मेदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति देश में कहीं भी न हो।”
अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, “छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रवेश, परीक्षा और परिणाम को दुरुस्त करना बेहद आवश्यक है। यह देश के लिए बेहद दुखद है कि तेलंगाना में व्यवस्था की गलती के कारण यह घटना घटी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।”
अभाविप के जिला सह-संयोजक वेणु गोपाल ने कहा कि, “छात्रों के भविष्य के साथ हुआ खिलवाड़ बेहद अमानवीय है, 9 लाख लगभग छात्रों में से लगभग 3 लाख छात्रों को फेल कर दिया गया। यह टीआरएस नेतृत्वित सरकार की बड़ी विफलता है।”
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