-अमृताश त्रिपाठी
परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश की अहम परीक्षाओं की प्रणाली में संशोधन करते हुए 7 जुलाई को कहा है कि अब नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी (एनटीए) परीक्षा लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी के साथ एनटीए ने परीक्षा की तिथियों की घोषणा करनी शुरू कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अब नए सत्र के लिए फॉर्म उपलब्ध हैं और देश के परीक्षार्थियों से अपील है कि वे नीट-2019, जेईई मेन, यूजीसी नेट-2019 के फार्म भर दें।
बता दें कि पिछले साल सीबीएसई की परीक्षा में पेपर लीक होने से सरकार ने यह कदम उठाया है और इसलिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परिकल्पना को जन्म दिया है।
जेईई मेन्स, नीट की परीक्षाएं साल में दो बार, जबकि यूजीसी नेट एक ही बार
जेईई मेन्स और नीट की परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी। इसके साथ ही यूजीसी नेट की परीक्षा साल में एक बार ही होगी। नेट, सीमैट और जीपैट परीक्षा अब कम्प्यूटर आधारित होगी। इससे परीक्षाएं लीक प्रूफ, ज्यादा पारदर्शी होंगी।
एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2018 तक एनटीए नीट 2019 (पहले चरण-साल में परीक्षा दो बार होगी) के फार्म भरे जा सकते हैं और तीन फरवरी से लेकर 17 फरवरी 2017 तक परीक्षार्थी आठ बार होने वाली परीक्षा में से किसी एक में बैठने का विकल्प चुन सकते हैं। एचआरडी की इस घोषणा को अंतिम रूप देने के लिए एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी की पूरी टीम शिद्दत से तैयार है।
सीबीएसई की जगह एनटीए कराएगी ये परीक्षाएं
एनटीए सीबीएसई (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) द्वारा मेडिकल, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन के क्षेत्र में ली जाने वाली सभी राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं को संचालित करेगा। यह यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा ली जाने वाली यूजीसी-नेट परीक्षा का भी आयोजन करेगी। फिलहाल एनटीए खुद को 2019 के लिए एनटीए-2019, नीट-2019, जेईई-2019, गेट-2019, जीएमएटी, जीपीएटी-2019, यूजीसी-नेट-2019, सीटीईटी-2019 की परीक्षा को पूरी मुश्तैदी से कराने की तैयारी कर रहा है।
एनटीए कैसे आया अस्तित्व में
नवंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ने एनटीए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद 30 मार्च 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मणिपुर कॉडर के आईएएस अधिकारी विनीत जोशी को पांच साल के लिए इसका महानिदेशक नियुक्त कर दिया। सात जुलाई 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एनटीए के पूरी तरह से परीक्षा के लिए तैयार होने की घोषणा कर दी है।
…तो ये हुए हैं बड़े बदलाव
- जेईई
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन्स आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश के लिए होती है। पहले जेईई मेन्स साल में एक बार होती थी। यह परीक्षा सीबीएसई कराता था, लेकिन अब अगले सत्र से जेईई मेन्स साल में दो बार जनवरी और अप्रैल में होगी। लेकिन, जेईई एडवांस्ड का जिम्मा आईआईटी के पास ही रहेगा। - नीट
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होता है। पहले यह टेस्ट भी साल में एक बार होता था। यह परीक्षा भी सीबीएसई ही कराता था। बदलाव होने के बाद अब अगले सत्र से यह परीक्षा साल में दो बार फरवरी और मई में होगी। - नेट
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) उच्च शिक्षा वाले संस्थानों में टीचिंग के लिए योग्यता पाने के मकसद से होता है। इसके जरिए असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) के लिए चयन होता है। पहले यूजीसी की तरफ से सीबीएसई ही नेट कराता था। यह टेस्ट में साल में दो बार जुलाई और दिसंबर में होता था। लेकिन अब नेट साल में एक ही बार दिसंबर में होगा। - सीमैट और जीपैटः कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (सीमैट) और ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टिट्यूड टेस्ट (जीपैट) भी अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी। एसएससी परीक्षा में स्क्रीन शेयरिंग से पेपर लीक होने वाले सवाल का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने किहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मॉड्यूल में ऐसा नहीं हो सकेगा।
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