-प्रभात
श्रीकृष्ण जी का जन्म हो गया रात के 12 बजे। दर्शक व भक्तगण झूमते नजर आ रहे थे। कुछ भक्तिरस में सराबोर होकर तो कुछ भांग रस में सराबोर होकर। पहले से काफी कुछ बदल गया है इस जन्माष्टमी पर भी।
फोरम4 की टीम आज कृष्ण भगवान के जन्म से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली, नार्थ कैम्पस के दर्जनों मंदिरों तक पहुंची। यह जानने के लिए कि आखिर कृष्ण का जन्मदिन मनाया कैसे जा रहा है। आइए आप भी एक नजर डाल ही लीजिए कि आखिर क्या कुछ बदल गया है इस जन्माष्टमी पर-
एक सुबह वो भी होती थी जब हवा चल रही होती थी और मंदिरों की घंटी की आवाज कानों तक पहुंचती थी। लेकिन, अब भी सुबह हुई कुछ ऐसी ही और मंदिरों की घंटी की आवाज भी सुनने को मिली लेकिन, नींद से जगने के बाद वाट्सएप और फेसबुक यानी सोशल मीडिया पर। ईयरफोन लगाने पर। वाट्सएप पर मैंने भी सोचा कि क्या क्या आया है तो देखा किसी ने जय राधे कहा था तो किसी ने शुभकामनाएं दी थीं। सोशल मीडिया के स्टेटस सुबह अगर पूजा अर्चना और व्रत के थे तो कुछ समय बाद पलटते हुए नन्हें बाल-गोपाल की राधा और कृष्ण बने नजर आए। शाम हुई तो स्टेटस में मटकी फूटी, पटाखे फटे और फिर श्रृंगार की हुई प्रोफाइल तस्वीर बदलने लगे। मंदिरों में घंटी भी वाट्सएप पर बज गई और इतना ही नहीं, मंदिरों में कई जगह केक काटा गया तो कई जगह भांग मिलाकर प्रसाद भी बांटा गया। कुल मिलाजुलाकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मंदिरों में मनाने से पहले सोशल मीडिया पर बड़े धूमधाम से मना।
मल्कागंज पोस्टऑफिस के पास स्थित मंदिर में 11 बजे के बाद काफी भीड़ थी। झिलमिलाती लाइटों की लड़ियों से मंदिर को सजाया गया था। सामने एक बड़ा सा स्क्रीन फ्लैस कर रहा था जिस पर नन्हें कृष्ण कभी माखन चुरा रहे थे तो कभी बांसुरी बजा रहे थे। लाइटों से सजी यह स्क्रीन दूर से ही दिख रही थी। भक्तगण 12 बजे कृष्णा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देने के लिए बाहर केक लगा कर बैठे थे। कुछ भक्त मंदिर के अंदर कई घंटे से इस आस में खड़े थे कि कैसे कृष्ण के दर्शन उन्हें पहले हो जाए। 12 बजते ही मंदिर का परदा खुलने नहीं पाया उससे पहले पटाखे छूटे, फुलझड़ियां दागी गईं, घंटी बजाई गई और फिर जयकारे जय राधे, राधे-राधे के साथ लाइनें आगे बढ़ने लगीं। केक कट गया था। बाहर पटाखों के जलने की गंध मानो यह साबित कर रही थी कि आज किसी अमीर शख्स का जन्मदिन मनाया जा रहा है।
किरोड़ीमल कॉलेज के पास स्थित हनुमान मंदिर में अत्यधिक भीड़ थी। भक्तों का तांता लगा हुआ था। 500 मीटर पहले ही पुलिस ने बैरीकेडिंग की थी। प्रसाद लेने के लिए लंबी लाइनें लगी हुई थी। वहीं विजय नगर के मंदिर और अन्य कई मंदिरों में आर्टीफिशियल लाइटों के प्रबंध से, कुछ बर्फ लगाकर और कपड़े से बनाए गुफा पहाड़ काफी सुंदर दिख रहे थे। मंदिर के अंदर कीर्तन चल रहा था। आसपास की महिलाएं भजन सुना रही थीं। बाहर लड़कियां बच्चों को चॉकलेट थमा रही थीं। प्रसाद में अमरूद, नाशपत्ती, सेब बांटे गए। साथ ही चनामृत का भी प्रबंध था। हांडी भी कई जगह फोड़े गए और देर रात तक दर्शन करने का क्रम चलता रहा।
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