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“छात्राओं को कामयाब नहीं बल्कि काबिल बनाने की जरूरत”

नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड (श्री अरबिंदो कॉलेज सेंटर) ने रविवार को अपना तीसरा वार्षिक महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह बड़ी धूमधाम से कॉलेज प्रांगण में मनाया गया। इस अवसर पर जेएनयू के कुलसचिव डॉ. प्रमोद कुमार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। विशिष्ट अतिथि दैनिक हिंदुस्तान में महिला मामलों की विशेषज्ञ वरिष्ठ पत्रकार मानसी मिश्रा, कॉलेज प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल ने अध्यक्षता व सेंटर प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ के संयोजन व देखरेख में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन एवं गणेश स्तुति की वंदना की प्रस्तुति से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। कॉलेज प्राचार्य ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। उसके बाद सेंटर प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सिलसिलेवार अकादमिक वर्ष 2018-19 की शैक्षिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, गीत, संगीत, गायन, मेहंदी डिजाइन, कला आदि गतिविधियों को अतिथियों के समक्ष रखा।

मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद कुमार ने नॉन कॉलेजिएट में आमंत्रित किए जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए अपनी प्राचीन भारतीय शिक्षा परम्परा की याद दिलाते हुए कहा कि पारम्परिक रूप से हम सभी अनुभव आधारित शिक्षा पद्धति में संस्कारित है जबकि यूरोपीय शिक्षा पद्धति तर्क आधारित है और हम आज भी उसी व्यवस्था के भुक्तभोगी है।

प्रो. कुमार ने आगे कहा कि अध्ययन की बजाय समाज और परिवार के बीच के अनुभव हमें ज्ञानवान और समझदार बनाते हैं जबकि आधुनिक शिक्षा पद्धति एक नौकरी पेशा गैर जिम्मेदार समाज का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि इन छात्राओं को विश्वविद्यालय स्तर पर अच्छे परिणामों को देखकर लगता है कि मैकाले नहीं बल्कि भारतीय ज्ञान परम्परा यहाँ सशक्त है जिसमे केंद्र प्रभारी की महती भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आज हमें प्रमाण आधारित शिक्षा व्यवस्था नहीं बल्कि प्रज्ञा आधारित ज्ञान परम्परा की पद्धति विकसित करनी होगी।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मानसी मिश्रा ने कहा कि छात्राओं को कामयाब नहीं बल्कि काबिल बनने की तरफ सोचना होगा, आवश्यक नहीं है कि टॉपर ही सर्वश्रेष्ठ पद पर पहुंचे, बल्कि काबिल और ज्ञानवान प्रतिभा सम्पन्न कोई भी छात्रा अपनी काबिलियत के बल पर दुनिया का कोई भी मुकाम हासिल कर सकती है।

मानसी मिश्रा ने छात्राओं को राजनीतिक रूप से जागरूक होने की बात रखते हुए कहा कि अगर महिलाओं के जीवन में कोई सार्थक बदलाव कर सकता है तो वे स्वयं है और इसके लिए उन्हें समझना होगा कि किस प्रतिनिधि को चुना जाए। इस समझ के लिए महिलाओं के लिए देश में निमित्त कानून और राजनीतिक वास्तविकता को समझने की सख्त जरूरत है तभी वे एक सुरक्षित और सकारात्मक समाज का निर्माण स्वयं कर पाएंगी। अध्ययन के साथ-साथ इस तरह की चेतना महिलाओं की दशा को सुधारने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

कार्यक्रम के संयोजक व केंद्र प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ये छात्राएं परिवार का अंग हैं। यदि सभी शिक्षक इस तरह से सोचें तो छात्राओं के मन में असुरक्षा की भावना खत्म हो जाएगी। यह देखने में आता है कि छात्राएं बाहर निकलकर कम पढ़ पाती है उसका कारण इनके बीच असुरक्षा की भावना का होना है। आज हमारे केंद्र में हमने देखा है कि छात्राएं निम्नतम अंक लेकर आती है, किंतु अधिकतम अंक लेकर जाती है। यह सकारात्मकता अरबिंदो के शिक्षकों को इसका श्रेय जाना चाहिए।

प्रो. सुमन ने आगे कहा कि आज के समय उच्च शिक्षा का जो परिवेश देश में दिख रहा है ऐसे में कम कक्षाओं के बावजूद इन छात्राओं के अथक प्रयासों को देखकर लगता है कि यदि इन्हें उचित अध्ययन केंद्र और अच्छा परिवेश मिले तो ये क्या नहीं कर सकती।अध्ययन के साथ ही साथ इन छात्राओं ने देश स्तर पर अनेक प्रतियोगी कार्यक्रमों में भाग लेकर एवं सफल होकर कॉलेज/सेंटर के साथ साथ देश का भी नाम रोशन किया है। प्रत्यक्ष रूप से कहा जाए तो उच्च शिक्षा की राजनीति करने की बजाय यदि सार्थक पहल की जाये तो देश के तमाम छात्र-छात्राओं का जीवन उज्ज्वल हो सकता है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल ने कहा कि यदि अध्ययन को परीक्षा केंद्रित ना रखकर उसके प्रति यदि जज्बा हो और लग्न हो तो परिणाम उच्चतर होंगे। हमें अध्ययन में आनंद आएं तो वह सच्चा अध्ययन होगा। उन्होंने आगे कहा कि डीयू में सबसे बेहतर सेंटर बनाने में हमारे शिक्षकों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है जो इन छात्राओं को समय देते हैं। कम समय में इस सेंटर ने, छात्राओं ने परीक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पहचान बनाई है। मै सेंटर प्रभारी और शिक्षकों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।

मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने मिलकर अकादमिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद प्रतियोगिता, मेहंदी डिजाइन, कला, साहित्य, गीत, गजल, गायन आदि प्रतियोगिता में आएं प्रथम, दूसरा और तीसरा स्थान पाए छात्राओं को पुरस्कार, प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया। सम्मानित होने वाली छात्राओं में माधवी तोमर, विदुषी तोमर, मुस्कान यादव, पल्लवी रॉय, पिंकी, पारुल, पारुल भारद्वाज, रेखा आशा गुप्ता आदि ने अकादमिक स्तर पर पुरस्कार दिए। श्रुति, अंजू कुमारी, सौम्या, आरती वर्मा, मुस्कान, लक्ष्मी प्रिया लवी, छाया, अनुराधा कुमारी, प्राची जैन आदि छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कार दिए गए।

सेंटर प्रभारी ने पुराने शिक्षकों को प्रमाण पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया इन शिक्षकों में डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. रेणु, डॉ. राखी सौलंकी, डॉ. मधुश्मिता ,डॉ. बाबू लाल मीणा, डॉ. रोशन लाल मीणा के अतिरिक्त नए शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। इनमें डॉ. काव्या, अंकिता, डॉ. शालिनी डॉ. सुमित मीना, डॉ. ललन कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. साधना वर्मा आदि को भी सेंटर ने सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र दिया। अंत में सेंटर प्रभारी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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