लंबे विवाद के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के अध्यक्ष पद पर चल रही रार को आखिर डीयू प्रशासन ने शक्ति सिंह को कुर्सी सौंप कर खत्म कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने शक्ति सिंह को अध्यक्ष पद कार्यभार सौंप दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीयू प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है।
गौरतलब हो कि इससे पहले बता दें कि डूसू के अध्यक्ष पद को लेकर काफी राजनीति हो रही थी। विपक्षी पार्टियां डूसू अध्यक्ष के पद पर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रही थी। इसको लेकर एनएसयूआई व आईसा की ओर से कई बार प्रदर्शन भी हुए। बता दें कि डूसू के अध्यक्ष पद से अंकिव बसोया को फर्जी डिग्री के आरोप के बाद हटा दिया गया था औऱ एबीवीपी ने पार्टी से बाहर कर दिया था।
क्या था मामला
14 नवंबर को डीयू के बुद्धिस्ट विभाग ने एबीवीपी के पूर्व छात्र नेता एवं डूसू के पूर्व अध्यक्ष अंकिव बसोया का दाखिला रद कर दिया था। 15 नवंबर 2018 को दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिव बसोया को एबीवीपी ने संगठन से निलंबित कर दिया है। इसके बाद डूसू का अध्यक्ष पद खाली हो गया था। इस पर शक्ति सिंह डीयू के प्रॉक्टर से मिल कर उन्हें डूसू अध्यक्ष घोषित करन की मांग की थी।
डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय ने यह कदम देर से उठाया, छात्रसंघ अध्यक्ष का पद खाली होने की वजह से छात्रसंघ सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पा रहा था, लेकिन हम कम समय में भी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए बेहतर कदम उठाएंगे”
बता दें कि डूसू चुनाव में अंकिव को 20467 वोट मिले थे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी सनी छिल्लर को 1744 वोट से हराया था।
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