दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक में दाखिले के लिए 9 वीं कटऑफ भी आने वाली है। ऐसे में उन छात्रों के लिए खुशखबरी है जिन्होंने अभी तक दाखिला नहीं लिया है।
गौरतलब है कि डीयू से संबद्ध कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 8 वीं कटऑफ के बाद भी खाली सीटें रह गई थीं। इन खाली सीटों में सबसे ज्यादा सीटें एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांग छात्रों की हैं। ऐसे में उन छात्रों के लिए उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है जो अभी तक कहीं भी अपना प्रवेश सुनिश्चित नहीं करा सके हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार दाखिले के लिए 9 वीं कटऑफ 21 अगस्त को जारी की जायेगी । इस कटऑफ के आधार पर छात्र कॉलेजों में 21 और 22 अगस्त को प्रवेश ले सकेंगे। कटऑफ लिस्ट आज शाम को ही वेबसाइट पर प्रसारित कर दी जायेगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था विद्वत परिषद व दाखिला कमेटी के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि आठवीं कटऑफ के बाद विशेष आरक्षित समुदायों के छात्रों के लिए (एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी) के छात्रों की कॉलेजों में सीटें खाली पड़ी हुई थीं। कॉलेजों की ओर से इन सीटों को भरने के लिए दाखिले में कटऑफ फीसद में कम छूट देने के कारण आरक्षित वर्गों की सीटें खाली रह गईं। आरक्षित वर्गो की खाली पड़ी इन सीटों के लिए स्पेशल ड्राइव चलाने के लिए डीयू के कुलपति, कुलसचिव व दाखिला कमेटी के चेयरमैन से मिलकर यह मांग रखी गई कि सभी श्रेणियों के लिए 9 वीं कटऑफ लिस्ट निकाली जाए। कमेटी ने इन्हें भरने के लिए आश्वासन दिया और कहा कि जल्द ही पुनः स्पेशल ड्राइव चलाया जाएगा। उनका कहना है कि अब विशेष अवसर के द्वारा इन छात्रों को नामांकन दिया जायेगा ताकि विश्वविद्यालय/कॉलेजों में किसी भी समुदाय की सीटें खाली ना रह सके।
9वीं कटऑफ में छात्रों को दाखिला लेने का विशेष मौका
प्रो. सुमन ने आगे बताया है कि विश्वविद्यालय ने यह तय किया है कि सभी श्रेणियों के लिए 9 वीं कटऑफ लिस्ट निकाली जाए और इसके लिए विशेष अभियान (स्पेशल ड्राइव) चलाया जाएगा। यह सूची 20 अगस्त को प्रसारित की जाएगी।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में प्राचार्यों से कहा गया है कि कटऑफ लिस्ट की घोषणा करे और सभी खाली पड़ी सीटों को भरा जा सके। विशेष तौर पर आरक्षित श्रेणी के छात्रों की सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए। साथ ही खाली सीटों के अलावा अतिरिक्त दाखिला न होने पाए। प्रो. सुमन ने बताया है कि डीयू के कॉलेजों में हर साल एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी कोटे के छात्रों की सीटें खाली रह जाती थी। इसका कारण कॉलेजों द्वारा सामान्य वर्गों के छात्रों के अनुरूप सीटें नहीं भरना साथ ही आरक्षित वर्गों के छात्रों की कटऑफ उच्च रखना है।उनका कहना है कि कोई भी कॉलेज सामान्य वर्गो के छात्रों के अनुरूप सीटें नहीं भरते बल्कि जो स्वीकृत सीटें है उसी आधार पर कॉलेज दाखिला करते हैं।
21 व 22 अगस्त को मिलेगा दाखिला
डीयू ने यह साफ किया है कि इस स्पेशल ड्राइव में सिर्फ उन छात्रों को ही दाखिला मिलेगा, जिन्होंने अब तक किसी भी कॉलेज में दाखिला नहीं कराया है।
प्रो. सुमन ने बताया है कि एससी, एसटी और ओबीसी कोटे के छात्रों को एक ओर अवसर देने के उद्देश्य से खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए डीयू ने विशेष अभियान (स्पेशल ड्राइव) आरक्षित छात्रों के लिए अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय 21 अगस्त को सभी श्रेणियों के छात्रों के लिए दाखिला अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत 21 और 22 को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिए जाएंगे। उनका कहना है कि डीयू की दाखिला कमेटी विश्वविद्यालय कॉलेजों को यह निर्देश जारी करे कि एससी, एसटी और ओबीसी कोटे की सीटों को भरने के लिए अंकों का फीसद कम करके कटऑफ जारी करे ताकि जो सीटें खाली है वे पूर्ण रूप से भरी जा सकें।
छात्रों की कमीं नहीं, फिर भी कॉलेज करते हैं गुमराह
प्रो. सुमन ने कहा कि आरक्षित वर्गों जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी कोटे की 28 हजार सीटों के लिए 50 हजार से अधिक छात्रों ने विभिन्न कोर्सों में आवेदन किया है। इस आंकड़े को देखकर लगता है कि दाखिला कराने वाले छात्रों की कमी नहीं है, लेकिन कॉलेज अपनी कटऑफ नीचे लाने को तैयार नहीं हैं। बाद में मीडिया और प्रचार माध्यमों में प्रचार प्रसार किया जाता है कि आरक्षित वर्ग के छात्र न मिलने के कारण सीटें खाली रह गई जोकि बहुत गलत है।
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