यूजीसी के सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को सर्कुलर भेजा है। डीयू ने विकलांग छात्रों का आंकड़ा मांगा है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को दिव्यांगों से संबंधित एक सर्कुलर भेजा है। यह सर्कुलर दिव्यांगजनों के लिखित परीक्षा में भाग लेने की नई सुविधाओं को लेकर जारी किया गया है।
बता दें कि यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य और डीम्ड विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को सर्कुलर जारी कर दिव्यांगजनों के लिखित परीक्षा में भाग लेने की नई सुविधाओं के दिशा निर्देश जारी कर इसे तत्काल लागू करने के लिए कहा है। यह सर्कुलर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से दिव्यांग व्यक्तियों के लिखित परीक्षा में बैठने हेतु माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए जारी किया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि सचिव के आदेश के बाद डीयू के डीन एग्जामिनेशन प्रो. विनय गुप्ता कॉलेजों को सर्कुलर जारी कर दिव्यांग छात्रों के लिखित परीक्षा में बैठने संबंधी आंकड़े मंगवाए है। इन्हें बाद में यूजीसी को भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया है कि लिखित परीक्षा में बैठने के निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि जब तक उनके लिए लेखकों (राइटर) का पैनल नहीं गठित कर लिया जाता उसके पहले यदि कोई विभाग कोई परीक्षा कराता है तो ऐसे में 29 अगस्त 2018 को दिए गए निर्देश लागू नहीं होंगे हालांकि वह अभ्यर्थी 26 फरवरी 2013 के दिशानिर्देश के अनुसार लिखित परीक्षा में भाग लेने का अधिकारी होगा।
प्रो. सुमन का कहना है कि यूजीसी की ओर से भेजे गए सर्कुलर में सभी विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी परीक्षा नियत्रंकों को उचित सलाह हेतु निर्देश जारी करें और प्रशासनिक नियंत्रकों की ओर से लेखकों/लैब सहायकों, रीडर का एक पैनल गठित करे जोकि जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय/राज्य स्तरीय क्लॉज नम्बर-5 के दिशानिर्देशों के अनुसार होगा जब तक कि लेखकों का पैनल गठित नहीं कर लिया जाता तब तक कोई भी विभाग जो परीक्षा करवा रहा है वह 29 अगस्त 2018 के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं करा सकता।
प्रो. सुमन ने यूजीसी के सर्कुलर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस सर्कुलर के आने के बाद अब दिव्यांगों को अपनी परीक्षा देने के लिए लेखक/राइटर को खोजना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया है कि दिव्यांगों विशेषकर नेत्रहीन छात्रों को दो सप्ताह पहले महिला कॉलेजों की एनएसएस और एनसीसी के कोऑर्डिनेटर के पास जाकर मिन्नतें करनी पड़ती थीं तब जाकर अपने से जूनियर छात्र बड़ी मुश्किल से मिल पाता था। इस पत्र के आने के बाद अब दिव्यांग/नेत्रहीन छात्रों के लिए कॉलेजों को कमेटी गठित कर स्वयं लेखक/राइटर का प्रबंध करना होगा।
डीयू ने कॉलेजों से मांगा दिव्यांगों का आंकड़ा
यूजीसी के सर्कुलर के आधार पर डीयू से सम्बद्ध कॉलेजों के दिव्यांग छात्रों तथा उनके बारे में गठित पैनल/विभाग कॉलेज से सम्बद्ध मई 2019 में होने वाली परीक्षा के शुरू होने के एक सप्ताह के पहले तक उनकी सूची बनाकर भेजा जाना है। इस सर्कुलर पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
कॉलेज तैयार कर रहे हैं सूची
प्रो. सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्र आने के बाद से नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड में पढ़ने वाली छात्राओं की लिस्ट तैयार की जा रही है, उसके बाद कमेटी गठित कर उनके नाम विश्वविद्यालय और यूजीसी को भेज दी जाएगी ताकि मई 2019 में होने वाली परीक्षा से पूर्व सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। कॉलेज को अब अलग से दिव्यांगों के लिए राइटर की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी।
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