दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में दाखिले लेने वाली छात्राओं की लगभग 3000 सीटों की बढ़ोतरी होगी। सामान्य जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के छात्र-छात्राओं के प्रवेश में 10 फीसद आरक्षण दिए जाने की वजह से इन सीटों में बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य व सेंटर प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय व यूजीसी से इस सर्कुलर के आने के बाद से सभी 26 केंद्रों पर कॉलेजों के प्राचार्यों/सेंटर के प्रभारी द्वारा आगामी शैक्षिक सत्र में छात्राओं की कितनी सीटों की बढ़ोतरी होंगी, इसके लिए प्रभारी अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर आंकड़े एकत्रित कर सीटों का ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है।
प्रो. सुमन ने बताया है कि एनसीवेब के कुल 26 केंद्र हैं। वर्तमान में प्रत्येक सेंटर में बीए प्रोग्राम में 240 सीटें और बीकॉम प्रोग्राम में 180 सीटें हैं। 10 फीसद आरक्षण के आने से बीए प्रोग्राम में 300 सीटें और बीकॉम प्रोग्राम में 225 सीटें हो जायेगी। यानी अब बीए प्रोग्राम में सामान्य की 122, एससी की 45, एसटी की 22, ओबीसी की 81, ईडब्ल्यूएस की 30, कुल 300 सीटें हो जाएंगी।
इसी तरह बी कॉम प्रोग्राम में सामान्य की 90, एससी की 34, एसटी की 17, ओबीसी की 61, ईडब्ल्यूएस की 23, कुल 225 सीटें बनेगी। इस तरह से 105 सीटों का इजाफा होगा। अब 105 छात्राओं को अतिरिक्त प्रवेश मिल सकेगा।
आरक्षण का लाभ दिल्ली की छात्राओं को मिलेगा सबसे ज्यादा
प्रो. सुमन ने बताया है कि एनसीवेब में स्नातक पाट्यक्रम में दाखिला लेने वाली छात्राओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा। डीयू में जहां लगभग 20 रेगुलर महिला कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण बढ़ी सीटों पर उन्हें लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर सह शिक्षा वाले कॉलेजों में भी छात्राओं को 1 या 2 फीसद अंकों का लाभ देकर दाखिला दिया जाता है। नॉन कॉलेजिएट दिल्ली की छात्राओं के लिए केंद्र चलाये गए हैं। इनमें उन्हीं छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है जिनका दिल्ली में निवास स्थान है, जिनका आधार कार्ड दिल्ली से बना हुआ है। वही छात्राएं इस सुविधा का लाभ उठा सकती हैं।
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