चयनित सदस्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर भी सहमति, एसी मीटिंग में होगी व्यापक चर्चा
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की उच्च स्तरीय अध्यादेश संशोधन समिति (हाई पावर्ड ऑडिनेंश कमेटी) की सोमवार को हुई निर्णायक बैठक में एक बार फिर सर्वसम्मति से शिक्षक हित के तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें तदर्थ शिक्षकों की सेवा गणना (काउंटिंग ऑफ एडहॉक सर्विस), कॉलेजों में प्रोफेशरशिप, 31 दिसम्बर 2018 तक ड्यू प्रमोशन को रिफ्रेशर और ओरिएंटेशन से छूट, तदर्थ शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश और तदर्थ शिक्षकों का गर्मियों का वेतन सुरक्षित कराना आदि मुद्दे शामिल हैं।
समिति के सदस्य प्रों हंसराज सुमन ने बताया कि सोमवार को उच्चस्तरीय अध्यादेश संशोधन समिति की बैठक हुई जिसमें सभी संकायों के डीन को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। बैठक में शिक्षक हित के सभी मुद्दों पर सहमति बनी। सभी निर्वाचित विद्वत परिषद सदस्यों ने एक मत से ठेके पर नियुक्तियों के प्रावधानों का जमकर विरोध किया।
कमेटी के सदस्य डॉ. रसाल सिंह ने बताया कि 5 हजार से अधिक योग्यतम नौजवान तदर्थ के रूप में पढ़ा रहे हैं और 50 हजार से अधिक योग्य उम्मीदवार तदर्थ पैनल में शामिल हैं। 65 के बाद पुनर्नियुक्ति देकर उन सबके साथ अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने यूजीसी रेगुलेशन को तुरंत लागू करके वर्षों से लंबित प्रमोशन देने और कॉलेजों में तत्काल प्रोफेशरशिप की मांग जोरदार तरीके से की।
बैठक के अंत में पीवीसी प्रो खुराना ने सप्ताह के अंत तक एसी की बैठक बुलाने का वादा किया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दस हजार शिक्षक टकटकी लगाकर यूजीसी रेगुलेशन 2018 की बाट जोह रहे हैं क्योंकि उसके माध्यम से उनकी दशकों से लंबित समस्याओं का समाधान होना है।
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