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हफ़्ते दर हफ़्ते

क्षेत्रीय भाषा को आगे ले जाने में युवा रचनाकारों ने की पहल, कुमाउनी में लाए काव्य संकलन

किसी भी क्षेत्र की भाषा उस क्षेत्र तक ही रह जाती है, जिस क्षेत्र में वो बोली जाती है। लेकिन अब कुछ नये लेखक अपनी क्षेत्र की भाषा में कहानियां, कविताएं और किताबें लिख रहे…


पत्रकार मनोज कुमार झा का कोरोना से देहांत

फरीदाबाद : कोरोना की चपेट में आकर देश में साहित्य – संस्कृति से जुड़े असंख्य लोगों की जीवनलीला खत्म हो गयी और इनमें बिहार के डेहरी आन सोन के कवि और पत्रकार मनोज कुमार झा…


महिला दिवस विशेष : इस तरह के निवेश से आगे बढ़ सकती हैं महिलाएं

देश में मोबाइल क्रांति, बदलते परिदृश्य एवं वर्तमान दौर में अपनी सामान्य परिधि के पार जाते हालातों के मद्देनज़र आधी आबादी (स्त्रियों) के जीवन को सुगम बनाने के लिए महिलाओं एवं पुरुषों को कुछ प्रयास…


विश्व हिंदी दिवस पर पढ़िए, कैसे बनी हिंदी आमबोल की भाषा?

आज विश्व हिंदी दिवस है। हिंदी हमारे देश की राजभाषा और करोड़ों भारतीयों की जनभाषा के रूप में भी इसे सम्मान प्राप्त है। विद्वानों के अनुसार मध्यकाल में संस्कृत का जब भारत में पतन हो…