दिल्ली विश्वविद्यालय के ओपन बुक परीक्षा के लिए होने वाले पहले मॉक टेस्ट के दिन ही अंतिम वर्ष के छात्रों की शिकायतें सोशल मीडिया पर देखी गई। 10 जुलाई को होने जा रही ओपन बुक परीक्षा के पहले छात्रों का मॉक परीक्षाएं 4 जुलाई से 8 जुलाई के बीच होनी हैं। आज पहला दिन था। आज ही पंजीकरण में कठिनाई, गलत प्रश्न पत्र और नेटवर्क की समस्या के चलते कॉपी अपलोड न हो पाने की समस्य़ा देखने को मिली हैं। पहले की तरह अब भी ट्विटर पर #DUAgainstOnlineExams ट्रेंड हुआ। लेकिन डीयू प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। प्रशासन खुलेआम कह रहा है कि न तो वेबसाइट क्रैश हुई, प्रश्नपत्र में हेरफेर हुए और न ही कोई और दिक्कत।
राज्य सभा सांसद मनोज झा ने इस बारे में शिक्षा मंत्री को ट्वीट करते हुए ऑनलाइन परीक्षा का विरोध करते हुए कहा है कि आपसे आग्रह है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह कर OBE के सन्दर्भ में हठधर्मिता का परित्याग करने को कहें। आज का मॉक टेस्ट इस बात का गवाह है कि विश्वविद्यालय की कोई तैयारी नहीं है।
मा. @DrRPNishank ji @HRDMinistry ..आपसे आग्रह है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह कर #OBE के सन्दर्भ में हठधर्मिता का परित्याग करने को कहें.आज का mock टेस्ट इस बात का गवाह है कि विश्वविद्यालय की कोई तैय्यारी नहीं है.
#DUAgainstOnlineExams— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) July 4, 2020
सुनिये यह रिपोर्ट, देखिए वीडियो-
एक तरफ देश में कोरोना महामारी और दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में हजारों छात्रों के साथ अन्याय। डीयू का ओपन बुक परीक्षा की रट और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का नया-नया फरमान। छात्रों को डराने लगा है। भविष्य अंधकार में है। शिक्षा मंत्री ट्विटर पर केवल ज्ञान देते हैं। उन्हें इस बड़े मसले पर ठीक ठाक फैसला लेने के लिए अभी वक्त नहीं मिला। डीयू में अतिम वर्ष में पढ़ रहे अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, एसओएल, एनसीवेब के छात्रों का अब इम्तिहान लेना इतना जरूरी हो गया है कि उन्हें ओपन बुक परीक्षा देनी होगी। और इस परीक्षा को देने के बाद ही वे अपना साल बर्बाद होने से बचा पाएंगे। छात्र घर में बैठे-बैठे अपना पुराना मोबाइल, लैपटॉप, कंप्युटर ऑन ऑफ करके देख रहे हैं कि सिस्टम सही तो चल रहा है। लेकिन जिन छात्रों के पास कुछ भी ऑन-ऑफ करने जैसा नहीं है वे तो बस घर में बैठकर घुट रहे हैं। जुगाड़ करके 2 जी इंटरनेट के सहारे केवल 2 महीनों से यही लिख रहे हैं कि मंत्री जी, कुलपति जी हम आपके इस ओपन बुक परीक्षा का विरोध करते हैं। लेकिन यह करते-करते अब उनको इसके लिए मॉक टेस्ट देने की बारी भी आ गई। डीयू प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलने के लिए ट्विटर ही काफी है जहां शिक्षक संघ, तमाम छात्र संगंठनों के साथ आये दिन परीक्षा रद कराने को लेकर ट्विटर ट्रेंड कराते नजर आते रहे हैं। परीक्षा रद तो नहीं हुई, मगर पोस्टपोंड जरूर हुई। यानी अब छात्रों का इंतजार और बढ़ गया। लिहाजा 10 जुलाई से उनको परीक्षाएं देनी ही होंगी। जिस डीयू प्रशासन का दावा है कि ऐसी परीक्षाएं कराई जाएंगी। वही डीयू प्रशासन तब नहीं जवाब दे पाता जब डीयू की वेबसाइट नहीं खुल पाती। जब सर्वर डाउन हो जाता है। जब गलत प्रश्नपत्र मिलते हैं। जब सब कुछ भयावह होता है। ऑनलाइन एग्जाम कराने की रट ने उन छात्रों का तो जीना ही मुश्किल कर दिया है, जिनके यहां इंटरनेट आता ही नहीं, जिनके पास कोरोना की वजह से बुक लिए बिना घर चले जाने की वजह से कोई स्टडी मैटेरियल तक नहीं है। जिनके पास अगर इंटरनेट है तो सिस्टम ही नहीं औऱ जिनके पास यह सब है लेकिन ऑनआइन अपलोड करने का ज्ञान भी नहीं। अब तो यही देखना बाकी रह गया है कि इन सब विरोध प्रदर्शनों और सिस्टम की लापरवाही के चलते छात्रों को कितना कुछ भुगतना पड़ेगा।
Be the first to comment on "दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीई से पहले मॉक टेस्ट हुआ फेल, सांसद मनोज झा ने कहा- रद हो परीक्षा!"