दिल्ली विश्वविद्यालय : विवेकानंद कॉलेज की प्राचार्य से 12 एडहॉक शिक्षकों की रिजॉइनिंग के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। इससे पहले कॉलेज की प्राचार्य ने दिल्ली विश्वविद्यालय एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम की विशेष याचिका को लेकर इस रिजॉइनिंग के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को जवाब दिया था। इस जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ। इसलिए आयोग की ओर से दोबारा जवाब मांगा गया है। मामला 12 एडहॉक शिक्षकों की रिजॉइनिंग का है। इनमें 4 ओबीसी और 3 एससी वर्ग के शिक्षक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से शिक्षकों ने मांग करते हुए लिखा है कि काॅलेज ने किस आधार पर शिक्षकों को उनके पदों से हटाया?
टीचर्स फोरम के चेयरमैन डॉ. कैलास प्रकाश सिंह ने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक शिक्षकों को हटाये जाने पर फोरम ने विशेष याचिका राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग में दाखिल की थी। आयोग के अवर सचिव जे रविशंकर ने ओबीसी कोटे के एडहॉक शिक्षकों को हटाए पर काॅलेज से जवाब मांगा था। उन्होंने बताया है कि कॉलेज ने ओबीसी कोटे के शिक्षकों के संदर्भ में जो जवाब दिया है उससे राष्टीय पिछड़ा वर्ग आयोग संतुष्ट नहीं है, इसलिए आयोग ने कॉलेज की प्राचार्या को 3 जून को फिर से रिज्वाइंडर भेज कर स्पष्ट जवाब देने को कहा है।
डॉ सिंह ने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज में लंबे समय से 12 शिक्षक एडहॉक नियुक्ति पर पढ़ा रहे थे। इन शिक्षकों का कार्यकाल 28 अप्रैल 2021 को समाप्त हो गया था और इन्हें फिर से 29 अप्रैल को रिजॉइनिंग करनी थी, लेकिन प्राचार्या ने ईडब्ल्यूएस कोटे के आधार पर रोस्टर में छेड़छाड़ करते हुए इन शिक्षकों का कार्यभार समाप्त होने की सूचना दी और इन एडहॉक शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति नहीं देने का कारण बताया। उन्होंने बताया है कि ये एडहॉक शिक्षक लंबे समय से अपने स्वीकृत पदों पर पढ़ा रहे हैं।
डॉ कैलास प्रकाश सिंह ने आगे बताया है कि कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने 12 एडहॉक शिक्षकों के मुद्दे पर 20 मई को एक आपात बैठक की थी जिसमें सभी सदस्यों ने 12 एडहॉक शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति दिए जाने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, केवल प्राचार्य ने उस बैठक में नोट ऑफ डायसेन्ट दिया था। गवर्निंग बॉडी के फैसले के बावजूद इन शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति नहीं दी गई।
Be the first to comment on "एडहॉक शिक्षकों को हटाने पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्राचार्य से मांगा जवाब : डीयू"