कोरोना के टीके को लेकर हर जगह चर्चा है। सुप्रीम कोर्ट भी सरकार से लगातार टीकाकरण को लेकर तमाम सवाल जवाब कर रहा है।वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार की ओर से पोषित 28 कॉलेजों में टीकाकरण केंद्र खोलने की मांग भी उठ रही है। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) और छात्र संगठन सीवाईएसएस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। मांग करने वाले संगठनों का कहना है कि इन छात्रों को मुफ्त में टीका कॉलेज खुलने पर लगाई जाए ताकि कोविड की तीसरी लहर आने से पहले छात्रों को सुरक्षित रखा जाए।
डीटीए के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली सरकार दिल्ली वासियों को टीका उपलब्ध करा रही है, ठीक उसी तरह से उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित अपने 28 कॉलेजों के छात्रों की तरफ भी ध्यान देना होगा। एक तरफ कोरोना वायरस की वजह से स्कूल कॉलेज बंद होने से उनकी पढ़ाई छूट गई है, वहीं क्रमिक लॉकडाउन से उनकी आर्थिक स्थिति भी बदतर हुई है। ऐसे में हर राज्य की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने छात्रों को मुफ्त में टीका लगाएं। डॉ. सुमन का कहना है कि जब तक प्रत्येक छात्र को टीका नहीं लग जाता उसे कॉलेज/शिक्षण संस्थान नहीं आना चाहिए ।
डॉ. सुमन ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि दिल्ली सरकार इन 28 कॉलेजों में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को (जिनके माता पिता की आय बहुत कम है) आर्थिक सहायता भी दे। उन्होंने बताया है कि ऑनलाइन एजुकेशन पढ़ाने के दौरान बहुत से छात्रों के पास अध्ययन सामग्री नहीं थीं जिसकी वजह से छात्र असाइनमेंट देने में असमर्थ थे ।
वहीं सीवाईएसएस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमणि देव ने बताया कि हमने संगठन की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा फंडेड कॉलेजों में छात्रों को मुफ्त टीकाकरण हो और इसके लिए कोवैक्सीन एप की बाध्यता भी खत्म की जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब छात्र भी अपनी कॉलेज आईडी कार्ड दिखाकर मुफ्त टीका लगवा सकें।
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