SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर लगाई रोक, क्या अब खत्म हो जाएगा आंदोलन?

किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर आज आंदोलन करते हुए 48 दिन हो चुके हैं। अभी भी सरकार और किसानों के बीच वहीं टकराव की स्थिति बनी हुई है। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि क़ानूनों के लागू होने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने धरने पर बैठे किसानों से बात करने के लिए चार सदस्यों वाली एक कमिटी का गठन किया है। इस चार सदस्य टीम में भूपिंदर सिंह मान, अशोक गुलाटी, अनिल घनवत और अनिल घनवत शामिल हैं जो कमेटी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित की गई है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि किसानों का मानना है कि जिन लोगों को कमेटी में शामिल किया गया है वे सभी कृषि कानूनों के समर्थन में हैं। किसान नेताओं ने इस कमेटी में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।

सुनवाई के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब चर्चा करेंगे, उसके बाद ही कुछ फैसला लेगे। हालांकि उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली निकाली जाएगी। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट का ओर से ये भी कहा गया है कि अगर हम कानून का अमल रोक देते हैं तो फिलहाल आंदोलन करने जैसा कुछ नहीं होगा। आप लोगों को समझा कर वापस भेजिए। सबका दिल्ली में स्वागत है, लेकिन लाखों लोग आए तो कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ेगी। कोरोना का खतरा है महिलाओं, वृद्धों और बच्चों को आंदोलन से अलग करना चाहिए। उन्हें वापस भेजना चाहिए लेकिन किसानों किसी भी कीमत पर घर वापस जाने को तैयार नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट का ये कहना है कि इस कमेटी का गठन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि किसान नेताओं की राय पता चल सके ताकि एक तस्वीर स्पष्ट हो सकें। लेकिन 8 दौर की वार्ता के बाद क्या ये नहीं लगता कि किसानों की मांगें कानूनों को रद करना है ये बात अब तक सभी को समझ आ चुकी है लेकिन फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का गठन कर दिया पर उससे स्थिति कैसे स्पष्ट होगी। इस पर प्रश्न उठना लाजमी है। कमेटी बनाने के बाद क्या ये आदोंलन खत्म हो जाएगा? क्या जो कृषि कानूनों को रद करने की मांग किसान कर रहे हैं वो कानून सरकार रद कर देगी? या किसानों को समझा बुझा कर घर भेज दिया जाएगा?

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर लगाई रोक, क्या अब खत्म हो जाएगा आंदोलन?"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*