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मुग़ल वास्तुकला विभिन्न धर्मों का नहीं बल्कि क्षेत्रों का मिश्रण है – प्रो रेज़ावी

दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में इतिहास विभाग की ओर से 13 फरवरी को एक सेमिनार आयोजित किया गया। इसका विषय ‘मेकिंग ऑफ अ स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर : अकबर एंड फ़तेहपुर सीकरी’ रहा। सेमिनार के वक्ता प्रोफेसर सय्यद अली अहमद रेज़ावी रहे।  प्रो रेज़ावी वर्तमान में उन्नत अध्ययन केंद्र, इतिहास विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हैं।

प्रो रेज़ावी ने मुग़ल वास्तुकला के बारे में बताया कि किस प्रकार इसने विभिन्न संस्कृतियों से प्रेरणा ली। उनका कहना है कि मुग़ल वास्तुकला विभिन्न धर्मों का नहीं बल्कि क्षेत्रों का मिश्रण हैं।

सेमिनार की संचालिका छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशी गर्ग एवं उपाध्यक्ष साक्षी उपाध्याय रहीं। संस्था की प्राचार्या डॉ. स्वाति पाल ने प्रो रेज़ावी का स्वागत पौधे एवं स्मारिका के साथ किया।

फतेहपुर सीकरी के भवन समूह तथा शहर नियोजन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रो रेज़ावी ने इस सवाल के साथ सेमिनार का अंत किया कि क्या वाक़ई मुग़लों ने फतेहपुर सीकरी को पानी की कमी के कारण छोड़ा था? हालांकि फतेहपुर में पानी की कमी कभी भी नहीं थी।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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