SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

मथुरा में 6 दिसम्बर को क्या-क्या हुआ? क्या अब मथुरा का मामला शांत हो जाएगा?

बृज के जिन कृष्ण को रसखान, सूर और मीरा ने अपने प्रेम से दुनिया भर में अमर कर दिया, 21वीं सदी में उन कृष्ण की जिम्मेदारी अब राजनीति ने ले ली है. कृष्ण, राम के बाद भारत में दूसरे देवता है जिन्हें न्याय दिलाने की जिम्मेदारी नेताओं ने अपने कंधे पर उठा ली है. विडंबना देखिये, महाभारत के सबसे बड़े न्यायाधीश को आज के भारत ने न्याय की लाइन में खड़ा कर दिया है. अब हर चुनाव पर पूरे देश को इस अन्याय की याद दिलाई जाएगी. यूपी चुनाव के आते ही अन्याय की आवाज आ गई. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद में कृष्ण की मूर्ति स्थापना की घोषणा की गई जिसके बाद से पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया.

हिन्दू संगठनों ने की थी मूर्ति स्थापना की घोषणा

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने 29 नवंबर को घोषणा की कि 6 दिसम्बर को शाही ईदगाह मस्जिद में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करेंगे और जलाभिषेक करेंगे। इसके बाद नारायणी सेना और करणी सेना सहित अन्य हिन्दू संगठनों ने इसका समर्थन किया। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी और सुरक्षा बंदोबस्त के नाम पर भी कुछ कदम उठाये। इस घटनाक्रम ने सारे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। 1 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट किया जिससे सारी राजनीति मथुरा पर केंद्रित हो गई. उन्होंने आह्वान करते हुए लिखा कि ‘काशी और अयोध्या में निर्माण जारी है और अब मथुरा की तयारी है. इसके बाद विपक्ष के नेताओं के कई बयान आये जिसमें उन्होंने इसे बीजेपी की हार की बौखलाट बताया। वही राज्य के अन्य बीजेपी नेताओं ने अपने नेता के समर्थन में भी बयान दिए

6 दिसम्बर को क्या हुआ मथुरा में

6 दिसम्बर को सारे शहर की सुरक्षा बढा दी गई थी. रेलवे स्टेशन पर भी चेकिंग इसके अलावा शहर के हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात था. श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस और पैरा मिलिट्री बल गश्ती पर था. इसके अलावा सादा कपड़ों में इंटेलिजेंस के लोग भी मौजूद थे.

इसके बावज़ूद वृन्दावन से एक पुजारी और करणी सेना का जिलास्तर का सदस्य आता है और मंदिर के सामने खड़े होकर खुली धमकी देता है की मस्जिद तो टूटेगी और जल्दी ही टूटेगी। वह कहता है कि, ‘योगी जी ने तो कह दिया की अबकी बार कार सेवा होगी तो पुष्प वर्षा की जाएगी, डंडे या गोली नहीं चलेगी।’ इसके अलावा करणी  सेना का पदाधिकारी मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहता है कि, ‘मस्जिद तो टूटेगी, हम हिन्दुओं को शर्म आनी चाहिए कि सब घरों में बैठे हुए हैं. सबको घरों से निकलना होगा तभी  मस्जिद टूट पाएगी। पुलिस इस दौरान वहीं खड़ी रहती है और काफी देर बाद सक्रिय होती है और उन्हें वहां से जाने के लिए निवेदन करती है. लेकिन वो लोग अपने भाषण जारी रखते हैं. कुछ देर बाद फिर पुलिस उन्हें वहां से जाने को कहती है उसके बाद वहां से जाते हुए वो  मीडिया को सम्बोधित भी करते हैं. इसके बाद इस जगह पर डीएम और एसपी दौरा करते हैं और माहौल सामान्य होता है. थोड़ी देर बाद जब फोरम4 ने सीओ सिटी से इस घटना के संदर्भ में  सवाल किया जाता है तो वह ‘उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं’ कह कर टाल जाते हैं.

यूपी चुनाव तक तो जिन्दा रहेगा मुद्दा

6 दिसम्बर तो गुजर गया लेकिन क्या ये मामला शांत हो जाएगा, इसकी बहुत उम्मीद नहीं है. वह भी तब तक जब तक यूपी चुनाव न हो जाए. एक ताजा सर्वे में भी ये बात सामने आयी है कि बीजेपी को इस मुद्दे से फायदा होगा. इतिहास भी इसकी गवाही देता है. इसलिए ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने ही इस मुद्दे को उठाया है.

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

सचिन
आईआईएससी के छात्र रहे हैं और कई मीडिया संस्थानों में भी काम कर चुके हैं।

Be the first to comment on "मथुरा में 6 दिसम्बर को क्या-क्या हुआ? क्या अब मथुरा का मामला शांत हो जाएगा?"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*