SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

बीएचयू- नियमों को ताक पर रखकर शोध प्रवेश प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व के नियमों से किया जा रहा खिलवाड़

तस्वीरः गूगल साभार

 काशी हिन्दू विश्वविद्याल (बीएचयू) की शोध प्रवेश (PhD Entrance) प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व (RESERVATION) के नियमों को ताक पर रख कर लागू करने का प्रयास किया जा रहा है जो पूरे तौर पर साजिशपूर्ण और सामाजिक न्याय विरोधी है। विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर नाम जरूर बदल गया है, लेकिन विश्वविद्यालय की दुर्भावना पूर्ण नीति में कोई बदलाव नहीं आया है इसी का परिणाम है कि वंचितों शोषितों के प्रतिनिधित्व के अधिकार से खिलवाड़ किया जा रहा है। आइए समझते हैं कि ये कैसे किया जा रहा है –

पीएचडी एडमिशन के लिए बीएचयू ने बनाया गजब का रोस्टर!

कुल 21 सीटों के फार्मूले में किस वर्ग को कितनी सीटें मिलेंगी?

Gen+EWS- 13 (61.9%)

OBC- 4 (19.04%)

SC-2 (9.5%)

ST-1 (4.7%)

PWD- 1

होना चाहिए था-

Gen+EWS- 10

OBC- 6

SC- 3

ST- 2

यह पूरी तरह भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं यूजीसी के आरक्षण से संबंधित नियम व प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है। बीएचयू का पीएचडी एडमिशन हेतु बनाया गया नया रोस्टर सिस्टम पूरी तरह से गैर कानूनी और मनमाना ढंग से बनाया गया है। किसी भी पाठ्यक्रम के एडमिशन के लिए देश में कोई रोस्टर सिस्टम जैसी पद्धति लागू नहीं है बल्कि कुल सीटों के अनुपात में विभिन्न वर्गों के लिए समुचित आरक्षण वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप दिया जाता है। बीएचयू द्वारा बनाये गये मनमाने फार्मूला में SC, ST व OBC को मिलने वाला क्रमश: 15%, 7.5% व 27% आरक्षण की पूरी तरह अनदेखी की गयी है जबकि सामान्य वर्ग की उच्च जातियों के लिए 62% से अधिक सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि बीएचयू द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित रखने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की बहुजन छात्र इकाई – एससी एसटी स्टूडेंट्स छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति व ओबीसी एससी एसटी एमटी संघर्ष समिति ने इस पूरे मामले पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि जल्द ही इस प्रक्रिया को पहले कि तरह न्यायपूर्ण और संवैधानिक न बनाया गया तो विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे जिसकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "बीएचयू- नियमों को ताक पर रखकर शोध प्रवेश प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व के नियमों से किया जा रहा खिलवाड़"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*