दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी संघ (डूकू) काफी समय से कर्मचारियों को स्थायी करने की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 14 फरवरी को डूकू की ओर से मांगें पूरी न होने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में विशाल रैली निकाली। डूकू का यह धरना पिछले 3 दिनों से चल रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी संघ के स्थाई कर्मचारियों के साथ-साथ अनुबंध, तदर्थ एवं अल्पकालिक आधार पर कार्य कर रहे लगभग 3000 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
क्या है उनकी मांगे?
- 7 अप्रैल 2017 को गठित समिति द्वारा नए भर्ती नियमों को मंजूरी देकर उन्हें लागू किया जाए।
- कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें कई वर्षों से पदोन्नत नहीं किया गया है उन्हें पदोन्नत दी जाए।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल (SOL) में साल 2011 से अब तक कोई पदोन्नति नहीं किया गया। यहां तक कि कई कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही रिटायर्ड हो गये।
- कर्मचारियों की मांग है कि जो कई वर्षों से काम कर रहे हैं और अस्थायी हैं, उन्हें स्थायी किया जाए।
- रिटायर्ड कर्मचारी को पेंशन की सुविधा दी जाए। डब्ल्यूयूएस स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर, नर्स, दवाएं और एक्स-रे आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। परीक्षा के भत्ते को बढ़वाया जाए।
डूकू के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने बताया कि इन्हीं मांगों को लेकर 14 फरवरी को डूकू की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि डीयू प्रशासन के अड़ियल रुख को देखते हुए धरने को 18 फरवरी तक जारी रखा जाएगा।
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