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डीयू में दलित साहित्य महोत्सव मार्च में, लेखकों को किया जाएगा सम्मानित

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में मार्च के अंतिम सप्ताह में ‘दलित साहित्य महोत्सव’ का आयोजन होने जा है। यह दूसरी बार आयोजित होने जा रहा हैं इससे पहले दलित साहित्य महोत्सव का आयोजन 3 और 4 फरवरी 2019 में डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज में आयोजित किया गया। दूसरे बार होने जा रहे दलित साहित्य महोत्सव के आयोजन को लेकर डीयू के कला संकाय, उत्तरी परिसर में 14 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय आंबेडकरवादी पत्रकार एवं लेखक संघ की ओर से विभिन्न सामाजिक एवं साहित्यिक संगठनों के साथ एक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर कैलास प्रकाश सिंह ने की। मंच का संचालन लेखक और पत्रकार डॉ. आरसी गौतम ने किया।

बैठक में डॉ. गीता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज दलित साहित्य की विभिन्न विधाओं पर विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हो रहे हैं, लेकिन दलित पत्रकारिता, दलित फिल्मों, दलित नाटक, दलित वैकल्पिक मीडिया, दलित धारावाहिक, दलित लोकनाट्य परम्परा के अलावा आदिवासियों पर भी कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि संघ के माध्यम से दलित, आदिवासी, स्त्री, घुमन्तु जनजाति, अल्पसंख्यक एवं थर्ड जेंडर की समस्याओं को समाज के सम्मुख लाने के लिए इस तरह के आयोजनों का होना जरूरी है। इसके अतिरिक्त उनका साहित्य उपलब्ध हो जिससे हमारी युवा पीढ़ी अन्य साहित्य के साथ-साथ दलित और आदिवासी साहित्य से भी परिचित हो।

‘दलित साहित्य महोत्सव’ मीडिया संयोजक डॉ. विनय कुमार ने बताया है कि इस सम्मेलन के माध्यम से भारतीय समाज में रह रहे प्रत्येक मनुष्य की आवाज साहित्य में उठे, ताकि दलित-वंचित समुदायों के जीवन की वास्तविकताओं को सामने लाया जा सके। इस महोत्सव में देश भर से करीब 10 भारतीय भाषाओं के लेखक, विचारक, चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता और संस्कृतिकर्मी कलाकार शामिल हो रहे हैं।

प्रोफेसर कैलास प्रकाश सिंह ने बताया कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पत्रकारिता के 100 वर्ष हो चुके हैं। बाबा साहेब से प्रेरणा लेकर दलितों ने पत्रकारिता में हस्तक्षेप किया और आज हजारों की संख्या में समाचार पत्र, पत्रिकाएं, यूट्यूब चैनल व दलित मीडिया चैनल शुरू किये जा चुके हैं। वर्तमान परिवेश में दलित साहित्य के साथ-साथ दलित, पिछड़े व वंचित समुदायों के समक्ष चुनौतियां बढ़ी हैं। आज संसाधनों की कमी नहीं है, जो लेखक लिख रहे हैं। उनका साहित्य बाजार में आ रहा है लेकिन पाठकों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है। इसलिए यह कार्य दलित साहित्य महोत्सव के माध्यम से प्रभावशाली तरीके से किया जा सकता है। दलित साहित्य, तथागत बुद्ध, कबीर, महात्मा फुले और डॉ आंबेडकर के विचारों के मार्गदर्शन में शोषक शक्तियों से लगातार संघर्ष कर रहा है।

प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि दलित साहित्य महोत्सव में केंद्रीय, राज्यों के विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शोधार्थी भी अपने शोध लेखों का वाचन करेंगे। इस अवसर पर दलित साहित्य से संबंधित पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जायेगा। पुस्तकों के लोकार्पण समारोह भी किये जाएंगे। इस महोत्सव के माध्यम से समाज में एक सामाजिक न्याय के विचारों के प्रचार-प्रसार में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा समाज के प्रत्येक वर्गों का इसमें प्रतिनिधित्व होगा।

लेखकों को किया जाएगा सम्मानित

दलित साहित्य महोत्सव में समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकार व लेखकों को संघ की ओर से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें पहला मलखान सिंह स्मृति सम्मान नाम से दिया जाएगा। इसके अंतर्गत उन्हें शॉल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और संघ का मुख्य प्रमाण पत्र भेंट करेंगे। दलित साहित्य महोत्सव में दलित फिल्मों, नुक्कड़ नाटकों, धारावाहिक, टेली फिल्मों को दिखाया जाएगा।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

1 Comment on "डीयू में दलित साहित्य महोत्सव मार्च में, लेखकों को किया जाएगा सम्मानित"

  1. Prof Dr Gautam Kuwar | February 18, 2020 at 10:25 PM | Reply

    मलखान सिह सम्मान के लिए बायो डाटा भेजना पड़ेगा

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