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दिल्ली विश्वविद्यालय के 1000 से अधिक कर्मचारियों को वेतन नहीं!

दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज ऐसे हैं जो 100 फीसद दिल्ली सरकार से प्राप्त अनुदान से संचालित होते हैं। वहाँ गवर्निंग बॉडी बनाने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली सरकार के बीच पिछले एक साल से टकराव की स्थिति है। आरोप है कि इस टसल की आड़ में दिल्ली सरकार वहाँ के प्राध्यापक और कर्मचारियों को परेशान करने में लगी है। पिछले एक साल से उन्हें नियमित वेतन नहीं मिल रहा। पिछले दो महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली है।

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने दिल्ली सरकार के इस कृत्य की निंदा की है। डूटा की मांग है कि सरकार तुरंत इन कॉलेजों का ग्रांट जारी करे ताकि इन प्राध्यापकों और कर्मचारियों को तुरंत सैलरी मिल सके। साथ ही दिल्ली सरकार इनकी सैलरी को नियमित ढंग से दे। किसी की सैलरी रोकना अमानवीय कृत्य है कोई भी सभ्य समाज इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।

इसी को देखते हुए सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर एक दिन का अभियान चलाया जा रहा है और इसमें शिक्षक 28 तारीख यानी आज भूख हड़ताल पर है, जिसकी तस्वीरें लोग खूब शेयर कर रहे हैं ताकि शिक्षक उत्पीड़न का शिकार न हों।

हम ऐसे ही कुछ पोसेट को आपके साथ साझा कर रहे हैं-

ट्विटर पर डूटा अध्यक्ष राजीब रे ने लिखा है कि दिल्ली सरकार के 4 कॉलेजों में कर्मचारियों के लिए कोई वेतन नहीं, इसमें एडहॉक, कॉंट्रैक्ट स्टाफ सहित 1000 से अधिक कर्मचारी पीड़ित हैं। विशेष रूप से एक महामारी के समय में यह स्वीकार योग्य नहीं है।

इसी तरह से लोग भूख हड़ताल करती तस्वीरों को भी एक दूसरे से फेसबुक पर साझा कर रहे हैं।

 

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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