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डूसू मतदान शुरू, 1.44 लाख मतदाता कर रहे हैं उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव 2019 के लिए मतदान आज यानी 12 सितंबर को शुरू हो गया है। उम्मीदवारों के भविष्य का निर्णय 1.44 लाख छात्र करेंगे। बता दें कि इसके लिए प्रचार मंगलवार रात आठ बजे के करीब थम गया। डीयू में केंद्रीय पैनल समेत कॉलेज में अन्य सभी सीटों के लिए 12 सितंबर को ही मतदान होना है।

जानकारी के अनुसार छात्रसंघ चुनाव के नतीजे मतदान के बाद शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उम्मीद है कि दोपहर बाद से नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। इसमें केंद्रीय पैनल के सभी सदस्यों समेत कॉलेज के सभी निर्वाचित पदाधिकारियों के परिणाम जारी हो जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई। किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए हम तैयार हैं।

डूसू के 4 पदाधिकारियों के लिए 16 उम्मीदवार मैदान में

इस बार डूसू के चार पदाधिकारियों के लिए 16 उम्मीदवार मैदान में हैं। कुल 576 ईवीएम से मतदान होगा। इसके लिए प्रशासन ने 52 मतदान केंद्र बनाए हैं।

डूसू अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के उम्मीदवार अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष पद के लिए प्रदीप तंवर, सचिव पद पर योगित राठी औऱ सह सचिव पद पर प्रत्याशी शिवांगी खेरवाल हैं। एनएसयूआई की ओर से अध्यक्ष पद के लिए चेतना त्यागी, उपाध्यक्ष पद के लिए अंकित भारती, सचिव पद के लिए आशिष लांबा औऱ सह सचिव पद के लिए अभिषेक चपराणा को मैदान में उतारा है। वहीं आइसा ने अध्यक्ष पद के लिए दामिनी कैन, उपाध्यक्ष पद के लिए अफताब, सचिव पद पर विकास और सह सचिव पद पर चेतना को उम्मीदवार बनाया है।

इस चुनाव में सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। साथ ही चुनाव की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। डीयू प्रशासन ने हर कॉलेज मे जाकर निगरानी करने के लिए पर्यवेक्षक भी बनाए हैं।

आइसा ने भी दिखाया दम : जहां एक ओर एबीवीपी ने पूर्वांचल स्पंदन नामक कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को लुभाने का काम किया। साथ ही कैम्पस में पदयात्रा निकाली। वहीं एनएसयूआई और आइसा ने प्रचार के आखिरी दिन छात्रावास सहित कॉलेजों में जाकर छात्रों के बीच पहुंचकर अपनी बात रखी। आइसा के उम्मीदवारों के मुख्य मुद्दों में वोट का अधिकार (जोकि लड़कियों के कॉलेज में उन्हें नही प्राप्त हैं) औऱ हिंसा मुक्त परिसर शामिल हैं।

एक भारत श्रेष्ठ भारत, पर्यावरण संरक्षण, एक कोर्स एक फीस, पारदर्शी प्रशासन सहित तमाम मुद्दों को एबीवीपी ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है।

सीवाईएसएस ने डूसू चुनाव का किया है बहिष्कार

इस बार सीवाईएसएस ने चुनाव का किया बहिष्कार किया। सीवाईएसएस ने अपनी मांगों के लेकर चुनाव के लिए भूख हड़ताल किया था। उनकी मांग थी कि चुनाव ईवीएम से न कराकर बैलेट पेपर से कराया जाए। प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया था। इसके बाद सीवाईएसएस ने डूसू चुनाव में अपने उम्मीदवारों को खड़ा नहीं किया।

बता दें कि पिछले चुनाव में एबीवीपी ने डूसू चुनाव में 3 पदों पर जीत हासिल की थी. वहीं, एनएसयूआई को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. इसके अलावा गठबंधन में लड़े लेफ्ट और आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई डूसू चुनाव में खाली हाथ रहे थे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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