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डीयू में यूएन द्वारा निर्धारित 17 संधारणीय लक्ष्य विकास लक्ष्य पर आयोजित हुई संगोष्ठी में चर्चा के लिए जुटे विभिन्न देशों के युवा

वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट्स एंड यूथ (WOSY) ने अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनामिक ग्रोथ में ‘विश्व के सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में युवाओं की सक्रिय भूमिका’ शीर्षक से  संगोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें विश्व के लगभग 13 देशों से 50 प्रतिनिधि छात्रों ने भाग लिया।

इस संगोष्ठी के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका पर चर्चा हुई। इस संगोष्ठी में अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मॉरीशस, कांगो, बांग्लादेश, ऑस्ट्रिया, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान आदि देशों से युवा प्रतिनिधि छात्र भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम में छात्रों को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास जी ने कहा कि, “भारत राष्ट्र के रूप में हमेशा से विश्व के सभी राष्ट्रों की भलाई चाहता रहा है, हमारी संस्कृति ने वसुधैव कुटुंबकम का नारा दिया । आज विश्व में जो पर्यावरण समस्या है उस पर सभी देशों के युवाओं को साथ मिलकर काम करना होगा, जिससे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग तथा अन्य समस्याओं से बचा जा सके और विकास को अधिक प्रभावी, समावेशी और स्थायित्व के साथ प्राप्त किया जा सकता है।”

विशेष अतिथि नित्यानंद अगस्ती ने बताया की पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कार्यक्रम हमारी सभ्यता में मौजूद सार्वभौमिक मूल्यों पर आधारित हो सकते है। विभिन्न मूल्यों और श्लोकों के माध्यम से उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्ति हेतु मॉडल प्रदान किए।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विश्व युवा छात्र संगठन के दिल्ली चैप्टर के चेयर-पर्सन तथा आईसीएसएसआर के डिप्टी डायरेक्टर अभिषेक टंडन ने कहा कि,”अगर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है तो इसके लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे, जिससे विश्व से भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी, पर्यावरण की समस्याओं को दूर किया जा सके।”

इस मौके पर अभिजीत द्विवेदी, अंतरराष्ट्रीय सचिव, WOSY ने कहा कि संधारणीय विकास लक्ष्य की प्राप्ति में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है जो मात्र इसके लाभार्थी नहीं है, अपितु इसके सक्रिय सहभागी और रचनाकार भी हैं।

कार्यक्रम के संचालक शुभम् गोयल ने कहा कि ‘यूथ बल्ज’ और युवाओं की विविधता को ध्यान में रखकर यदि युवाओं की भूमिका को उचित तरीके से निभाया जाए तो संधारणीय विकास लक्ष्य को तीव्रता और समावेशी तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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