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ट्रैक्टर लेकर सिंघु, गाजीपुर, टिकरी से चलकर आईटीओ और लालकिले पर खत्म हुई परेड

नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे थे। इसके लिए किसान संगठनों और पुलिस से बातचीत कर किसान परेड का रास्ता तय किया गया था। इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया था कि गणतंत्र दिवस की परेड के बाद किसान अपनी परेड शुरू करेंगे। हालांकि किसानों में इन सब को लेकर आपसी सहमति नहीं बनी थी। यही वजह है कि किसान काफी लंबे समय से कभी भी लालकिला जाने की बात कर रहे थे। आज वह सच हो गया क्योंकि किसानों को जो करना था उसे न करते हुए अपने बनाये रास्ते पर चलने का मन बना लिया। स्वाभाविक है कि इसके लिए भिड़ंत तो होनी ही थी। इसलिए सुबह ही 9 बजे सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की परेड दिल्ली की ओर रवाना हुई। इस दौरान सिंघु बॉर्डर के किसान जैसे ही संजय गांधी ट्रांसपोर्ट पहुंचे उन्हे आउटर रिंग रोड की ओर मुड़ने के लिए कहा गया। लेकिन इस दौरान सतपाल सिंह पन्नू नामक किसान नेता ने  पुलिस अधिकारी से रिंग रोड पर जाने की अनुमति मांगी। पुलिस ने काफी समझाया लेकिन पन्नू नामक नेता ने कहा कि हमारे किसानों का कहना है हम रिंग रोड पर जाकर शांतिपूर्वक परेड करकर वापिस आ जाएंगे।

इसके तुरंत बाद ही निहंग सिखों और किसानों की फौज ने अपने सामने आये बैरिकेड्इस हटाने का प्रयास करने लगे। पुलिस इस बीच काफी कमजोर पड़ी और आंसू गैस के गोले आदि चलाने के बाद पुलिस के साथ किसानों की एक बार जोरदार भिड़ंत हुई। इन सबके बाद एकएक कर सारे बैरिकेड्स हटाकर किसान आईएसबीटी, दिल्ली की ओर घुस गए। लाखों की संख्या में किसान और ट्रैक्टर्स ने अपना रास्ता जहां मिला वहां आगे बढ़ते गए और दोपहर के बाद लाल किला तक पहंच गए। इस बीच लाल किला पर किसानों ने झंडा फहरा दिया।

उधर गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसान आईटीओ पहुंचे। इससे पहले उन्हें पुलिस ने नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस का कहना है कि किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। पुलिस ने यह दावा भी किया कि निहंगों ने तलवार से पुलिसकर्मियों पर हमले की कोशिश की। लेकिन किसानों का कहना था कि हम शांतिपूर्वक परेड कर रहे हैं वापिस बॉर्डर पर जाएंगे। अगर पुलिस हमें न रोकती तो हम कुछ भी न करते। इसी के बाद देखने में आया कि आईटीओं के पास नवनीत नाम के शख्स की मृत्यु हो गई और तमाम किसान घायल हो गए। बताया जा रहा है कि किसानों के ऊपर गोलियां बरसाई गई और ट्रैक्टर पलटने से मौत हुई। हालांकि पुलिस का कहना है कि किसान की मौत ट्रैक्टर से स्टंट करने से हुई। अब यह तो सवाल ही बन गया है कि आखिर किसान ने अपनी शहादत 26 जनवरी के खास मौके पर कृषि कानूनों को लेकर दे ही दी।

किसानों ने पुलिस का दिया रूट तोड़ा
पुलिस ने किसानों से कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद 12 बजे से ट्रैक्टर मार्च निकालें। लेकिन, किसानों ने रिपब्लिक डे की परेड शुरू होने से पहले ही ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया। किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते गए और पुलिस ने जो रूट दिया अब उसे भी फॉलो नहीं कर रहे। पुलिस भी पीछे हट गई है।

मुकरबा चौक के पास किसान जब तय रूट से हटकर ISBT की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर रोकने की कोशिश की। लेकिन, किसान बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। किसानों ने पुलिस की गाड़ी समेत डीटीसी की कई बसों के शीशे भी तोड़ दिए।
सिंघु बॉर्डर से निकली ट्रैक्टर परेड के आगे घोड़ों पर निहंग फौज चल रही है। सिंघु और टीकरी बॉर्डर से किसानों के जत्थे पैदल भी आगे बढ़ रहे हैं। रास्ते में लोग ट्रैक्टर परेड का स्वागत कर रहे हैं। स्वरूप नगर में लोगों ने किसानों पर फूल बरसाए। ये जगह सिंघु बॉर्डर के करीब 14 किमी आगे है। नांगलोई में लोग ढोल बजाते और नाचते हुए दिखे।

किसानों ने एक लाख ट्रैक्टर जुटने का दावा किया
पुलिस ने किसानों को सिर्फ 5 हजार ट्रैक्टरों के साथ रैली निकालने की मंजूरी दी है। लेकिन, अकेले सिंघु बॉर्डर पर ही 20 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर पहुंच गए। किसानों ने दावा किया था कि सिंघु, टीकरी और गाजीपुर पर करीब एक लाख ट्रैक्टर जुटेंगे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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