उत्तर प्रदेश में चुनावों को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है। चुनाव आयोग की ओर से भी तैयारियां तेज हो गई हैं। खबरों की माने तो भारतीय निर्वाचन आयोग 5 जनवरी के बाद चुनाव की तारीख घोषित कर सकता है। उत्तर प्रदेश में चुनावों को लेकर भाजपा सजग हो गई है और कई योजनाओं को चुनावों के समय लाकर जनता को लुभाने में लगी हुई है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में जनता को आकर्षित करने के लिए भाजपा कई रैलियां भी निकाल रही है। प्रदेश में सभी राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी कमर कस ली है।
18 दिसंबर यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। इसमें लगभग 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ कोरिडोर का लोकार्पण करने बनारस गए थे। काशी विश्वनाथ कोरिडोर की करीब 339 करोड़ रुपये की परियोजना है। बनारस में प्रधानमंत्री ने मजदूरों के साथ खाना खाया। काश कि कोरोना के समय में भी प्रधानमंत्री पैदल अपने गांव लौटते मजदूरों के बारे में भी इतना ही सोचते। मजदूरों के साथ खाना खाना एक चुनावी रणनीति ही तो है। जब जब चुनाव आते हैं तो नेता मजदूर, गरीब, दलितों के घर खाना खाने पहुंच जाते हैं। तभी जनता समझ पाती है हां, अब चुनाव नजदीक है।
लगातार प्रधानमंत्री यूपी में रैलियां कर रहे हैं। कहीं शिलान्यास हो रहा है तो कहीं उद्धाटन हो रहे हैं। जिस गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है दरअसल वो योजना मायावती के ड्रिम प्रोजेक्ट्स में से एक था। 2007 में जब मायावती की सरकार थी तब ये प्रोजेक्ट लाया गया था। लेकिन एक एनजीओ ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण का हवाला देते हुए उस प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया। लेकिन बीजेपी सरकार मायावती के ड्रिम प्रोजेक्ट को अपनी परियोजनाओं में शामिल कर चुकी है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार पुरानी सरकारों की योजनाओं का फीता काट रही है। गंगा एक्सप्रेस-वे पर भी अखिलेश यादव ने कहा है कि यह परियोजना मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था, योगी आदित्यनाथ या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नहीं। एक तरह से यह बात सही भी है लेकिन वह अदालती उलझनों में रुका हुआ था, जिसे अब जाकर क्लियर किया गया है और पीएम मोदी ने आज उसकी आधारशिला रखी हैं।
यहां तक कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर भी अखिलेश कहते है कि
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी:
– सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ
– सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ
– मंदिरकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया
‘पैदलजीवी’ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी:
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 12, 2021
– सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ
– सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ
– मंदिरकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया
‘पैदलजीवी’ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।
अब आप समझ ही गए होंगे कि बीजेपी क्यों इतनी जल्दी शिलान्यास या उद्घाटन कर रही है।
कहां कहां रैलियां होंगी?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में चुनाव जितना नजदीक आ रहा है बीजेपी की चुनावी रैलियां भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 17 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रमाबाई अंबेडकर मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी निषाद पार्टी द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित किया था। इस कार्यक्रम का नाम ‘सरकार बनाओ, अधिकार पाओ’ रखा गया था।
-भाजपा 19 दिसंबर को उत्तर प्रदेश यूपी में विभिन्न स्थानों से पांच जन विश्वास यात्राएं शुरू करेगी।
-21 दिसंबर को प्रयागराज में प्रधानमंत्री की रैली।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को एक बार फिर एक दिवसीय दौरे पर काशी जा रहे हैं। 10 दिन के अवधि में प्रधानमंत्री का यह दूसरा दौरा है।
-28 दिसंबर को प्रधानमंत्री कानपुर में मेट्रो का उद्घाटन करेंगे।
जनवरी में बीजेपी लखनऊ में एक मेगा रैली करने जा रही है। जानकारी के अनुसार बीजेपी अपने इस रैली में 10 लाख लोगो की भीड़ जुटाने वाली है। कमाल की बात ये है की कोरोना के नए ओमीक्रोने वेरिएंट के बाद भी भाजपा इस मेगा रैली की योजना बना रही है।
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