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कोविड 19- दिल्ली के इस संस्थान में अकादमिक संकाय को बुलाकर गृह मंत्रालय के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने का आरोप

28 मई की नोटिस। इसी के आधार पर अकादमिक संकाय को भी संस्थान में बुलाया जा रहा है।

देश के तमाम हिस्सों में कोरोना महामारी तेजी से फैलता जा रहा है। राज्यवार आंकड़ों में दिल्ली तीसरे स्थान पर है जहां सबसे अधिक कोरोना के मामले सामने आये हैं। लॉकडाउन 4.0 के बाद अनलॉक 1 चल रहा है। इसमें भी अभी 30 जून तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और सख्त निर्देश है कि स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान न खोले जाएं। हालांकि इसके विपरीत राजधानी में एससीईआरटी ने अपने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को हर कार्य दिवस पर ऑफिस आने के लिए कहा है। ऐसे में अकादमिक संकाय के लोगों को भी बुलाने का आरोप लग रहा है।

बता दें कि प्रशिक्षण संस्थान, एससीईआरटी ने सभी डीआईईटीईएस (जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान) और एससीईआरटी को अकादमिक संकाय की पूरी ताकत के साथ खोलने का आदेश जारी किया। जबकि पूरा डायट (DIET) संकाय घर से सभी कार्य कर रहा है।

अकादमिक संकाय के लोगों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत अगर ऑफिशियल स्टॉफ को बुलाया जा रहा है तो फिर उसी नोटिफिकेशन से कैसे अकादमिक संकाय (एकैडमिक फैकल्टी) को बुलाया जा रहा है। दिल्ली सरकार के दिशानिर्देश में भी स्कूल, कॉलेज सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को 30 जून तक बंद करने के निर्देश है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में बिना किसी आदेश के कर्मचारियों को बुलाये जाने के आधार पर शैक्षणिक संस्थान के निर्देशक अकादमिक संकाय को बुलाने के लिए दबाव कैसे डाल रहे हैं। अधिकारियों को सरकार के खिलाफ उनके अवज्ञाकारी रवैये के लिए एससीईआरटी और डायट (DIET’S) के खिलाफ सभी संभावित कार्रवाई करनी चाहिए।

अकादमिक संकाय के आरोपों की मानें तो दिल्ली एससीईआरटी और डायट खुले तौर पर सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बता दें कि यह एक प्रशिक्षण संस्थान है जो दूसरों के लिए अद्वितीय उदाहरण स्थापित करता है, लेकिन अजीब रूप से दिल्ली एससीईआरटी और डीआईईटी के व्यवहार से उनके ऐसे गैर-जिम्मेदार और निरंकुश व्यवहार का पता चलता है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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