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बजट 2022: सरकार ने जिन योजनाओं की घोषणा की है क्या वो पूरा कर पायेगी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट को संसद में पेश कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने ये चौथी बार बजट पेश किया है। देश में साल भर में किस पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा इसके लिए एक बजट तैयार किया जाता है ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे घर के लिए पूरे महीने का बजट तैयार करते हैं। हर साल की इस साल भी बजट में आम लोगों के लिए ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला। आइए जानते हैं इस बार के बजट से आम लोगों को कितनी राहत मिली है?

इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं

आम आदमी को इस बार भी इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं मिली। जो टैक्स स्लैब 2021-22 में था वहीं 2022-23 में भी रहेगा। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि लोगों को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थी। 

60 लाख नौकरियां देगी सरकार?

सरकार हर साल लाखों नौकरियां देने का वादा करती है लेकिन लगातार बेरोजगारी देश में बढ़ती जा रही है। इस बार के बजट में युवाओं को मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां और आत्मनिर्भर भारत के तहर 16 लाख नौकरियां सरकार देगी। हालांकि सच्चाई सबके सामने है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 3.03 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। इनमें से करीब 1.18 करोड़ युवा ग्रेजुएट किए हुए है। इन आंकड़ों से आप हिसाब लगा सकते हैं कि कितनी नौकरियां वर्तमान सरकार ने दी होगी। या फिर ये भी एक जुमला साबित होगा?

कपड़ों के साथ क्या हुआ सस्ता?

कपड़े और ज्वैलरी इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देने के लिए कट, पॉलिश डायमंड और रत्नों पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया है। इस पर केवल 5% कस्टम ड्यूटी लगेगी। सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। मोबाइल फोन चार्जर, मोबाइल फोन कैमरा लेंस, ट्रांसफॉर्मर की डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में कन्सेशन देने की घोषणा की है। इसके साथ ही चमड़े का सामान, कपड़ा, विदेश से आने वाली मशीनें, जूते-चप्पल, मोबाइल फोन और चार्जर अब सस्ता होगा।

छातों के साथ और क्या हुआ महंगा?

सरकार ने आर्टिफिशियल गहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलोग्राम करने की घोषणा की है। ऐसे में अब ये गहने महंगे हो जाएंगे। विदेशी छातों पर सरकार अब 20% का टैक्स वसूलेगी, जिसकी वजह ये महंगे हो जाएंगे।

80 लाख नये मकान देने की घोषणा

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख नये मकान देने की योजना तैयार की गई है। पहले भी इस तरह की घोषणाएं की जा चुकी है।

किसानों के लिए बजट में क्या है?

सरकार ने अपने वादों में कहा था कि वो किसानों की आय दोगुनी कर देगी लेकिन सरकार तो सीधा कृषि कानून बिल ले आई जिससे किसानों में काफी नाराजगी है। ये है कि सरकार अपने किए गए वादों पर खरी नहीं उतर पाई है। लेकिन इस बजट में सरकार एमएसपी सीधे किसानों के खातों में भेजेगी। 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान सरकार की ओर से खरीदा जाएगा।

राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि किसानों को में सरकार ने दिया भारी धोखा। किसानों की दो गुनी आय करने, सम्मान निधि, 2 करोड़ रोजगार, एमएसपी, खाद – बीज, डीजल और कीटनाशक पर कोई राहत नहीं। एमएसपी पर फसल खरीद में बजट एलोकेशन से फसलों में होगा घाटा।

योगेंद्र यादव ने भी सरकार को घरते हुए कहा कि इस साल 2022 किसान की आय दोगुनी करने के 6 वर्ष पूरे हो गए हैं हर बजट में कम से कम इस पर बोला जाता था इस बार एक शब्द भी नहीं बोला गया. अब जब समय आया है किसानों के साथ देश को इस मुद्दे पर जवाब देने का तो मोदी सरकार ने चुप्पी साध ली है लेकिन जुमलों का अमृतकाल जारी है!

राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का जीरो सम बजट! सैलरी क्लास, मिडिल क्लास, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।

डिजिटस यूनिवर्सिटी खोली जाएगी

छात्रों के लिए पीएम ई-विद्या लॉन्च की जाएगी। कोरोना की वजह से बीते 2 सालों से स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से छात्र ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। लेकिन सभी बच्चों तक ऑनलाइन क्लास लेने के साधन नहीं हैं। कहीं पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है तो किसी के पास लैपटॉप या स्मार्टफोन नहीं है। इस मुसिबत से निकलने के लिए प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत 200 ई-विद्या टीवी चैनल खोले जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाकर कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चे ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में भी शिक्षा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च

बजट 2022 की सबसे अहम बात ये है कि भारत में इस साल डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इसी साल RBI डिजिटल रुपया जारी करेगी। क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। ये पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। ऐसा कहा जा रहा है कि इससे इकॉनोमी को काफी फायदा होगा। हालांकि इससे आम जनता को क्या फायदा होगा, कितना निवेश बढ़ेगा ये तो वक्त आने पर ही पता चल पाएगा।

सोशल मीडिया पर भी लोग बजट के बारे में चर्चा हो रही है।

बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि भाई चुपचाप मान लेना कि बजट अच्छा है, वरना 2000 करोड़ विज्ञापन में ये बताने के लिए खर्च कर दिया जाएगा की बजट बहुत अच्छा है।

एक ट्वीटर यूजर लिखती हैं कि 2022 तक किसानों की राशि दोगुनी करनी थी, 2022 तक सबको घर मिलना था, पर सरकार ने अभी बोला कि इतने घर और बनाएंगे, किसानों की राशि इतनी और बढ़ाएंगे. वो सही था या ये सही है?

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

कोमल कश्यप
कोमल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

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